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‘हर हर शंभू’ गाकर सुर्खियों में आईं फरमानी नाज, बेटे की खातिर बनी सिंगर, जानिए फरमानी ने ‘हर-हर शंभू’ गाना क्यों गाया

फरमानी नाज की कहानी : बता दे कि आज हम आपको फरमानी नाज की कहानी से रूबरू करवाना चाहते है, जो इन दिनों हर हर शंभू गाना रिकॉर्ड करके उलेमाओं के निशाने पर आ गई है और देवबंद के कई मौलानाओं ने फरमानी नाज के शिव भजन को लेकर शिकायत की है। तो चलिए अब आपको बताते है कि आखिर फरमानी नाज कौन है और वह किन परिस्थितियों से गुजर कर गायक बनी।

फरमानी नाज की कहानी :

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के रतनपुरी थाना क्षेत्र में स्थित मोहम्मदपुर माफी गांव की रहने वाली फरमानी नाज की शादी पच्चीस मार्च 2017 को मेरठ के छोटा हसनपुर गांव के रहने वाले निवासी इमरान से हुई थी। मगर शादी के एक साल बाद जब फरमानी नाज को बेटा हुआ तो उसकी परेशानियां भी शुरू हो गई, क्योंकि तब उसके ससुराल वालों ने उसे परेशान करना शुरू दिया था।

अगर सूत्रों की माने तो ऐसा कहा जाता है कि फरमानी के बेटे के गले में कोई बीमारी थी, जिसके कारण फरमानी के ससुराल वाले उस पर मायके से पैसे लाने का दबाव बनाते थे और उसे परेशान करते थे। जिसके बाद फरमानी इन सबसे परेशान हो कर अपने मायके चली गई। वही अगर फरमानी की मां फातिमा की माने तो गांव के ही एक युवक राहुल उर्फ भूरा के पास बाहर से कुछ लोग वीडियो बनाने के लिए आते थे और एक दिन उन्होंने फरमानी को गाना गाते हुए सुना। जी हां उन्हें फरमानी का गाना काफी पसंद आया और फिर उन्होंने फरमानी का गाना रिकॉर्ड करके यू ट्यूब पर डाल दिया, जिसे लोगों ने काफी ज्यादा पसंद किया।

इंडियन आइडल में भी जा चुकी है फरमानी नाज :

हालांकि इसके बाद फरमानी इंडियन आइडल में भी गई थी, लेकिन बच्चे की तबियत खराब होने की वजह से उसे वापिस आना पड़ा था। मगर इतना सब होने के बाद फरमानी यू ट्यूब सिंगर तो बन ही गई और अब वह गाना गा कर ही अपने बच्चे का पालन पोषण करती है। फिलहाल फरमानी का हर हर शंभू गाना सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। बहरहाल फरमानी की मां फातिमा ने बताया कि उसने कावड़ में भी गाना गाया था और ऐसे में लोग एतराज तो करते है कि मुसलमान की लड़की गाना गा रही है, लेकिन जब वह गाना गाती है तो वह किसी भी तरह के गाने को इंकार नहीं कर सकती। अब अपने बच्चे को पालने के लिए तो उसे सब कुछ करना ही पड़ेगा।

बता दे कि फातिमा ने आगे बताया कि फरमानी भजन भी गाती है और कव्वाली भी गाती है। ऐसे में आलोचना करने वालों को ये सब भले ही अच्छा न लग रहा हो, लेकिन वह ये नहीं देख रहे कि उसे अपने बच्चे का भी पालन पोषण करना है। बता दे कि फरमानी नमाज भी पढ़ती है, रोजा भी रखती है और बाकी सब काम भी करती है। यहां तक कि उसे मंत्री संजीव बालियान ने सम्मानित भी किया था। जब कि अपने जीवन के बारे में बात करते हुए फरमानी ने कहा कि मेरा पति दूसरी लड़की से बात करता था और जब हमारे बेटा हुआ तो मैंने सोचा कि अब वह सुधर जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

कलाकारों का नहीं होता कोई धर्म :

वही अब मुझे पता चला कि मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली है और इसलिए मैं मायके आ गई तथा मैंने सिंगिंग करना शुरू कर दिया। हालांकि मुझे इंडियन आइडल के अगले राउंड के लिए गोल्डन टिकट मिला था, लेकिन इस दौरान मेरे बेटे का ऑपरेशन हुआ था, जिसके कारण मुझे वापिस आना पड़ा था। इसके बाद फरमानी नाज ने कहा कि मैंने सावन में भी गाना गाया था, जो अच्छा चल रहा है।

जी हां फरमानी ने कहा कि हम कभी ये सोच कर नहीं गाते कि हम किस धर्म से है, क्योंकि कलाकारों का कोई धर्म नहीं होता। इसलिए जब हम अपने स्टूडियो में काम करते है तो यह भूल जाते है कि हम कौन है, क्योंकि तब हम सिर्फ कलाकार होते है। हम यही समझ कर काम करते है कि हम कलाकार है और यही हमारा काम है। तो दोस्तों आपको फरमानी नाज की कहानी कैसी लगी, इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा।

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