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फ्री फायर गेम में चालीस हजार हार चुका हूँ माँ, ये लिख कर बच्चे ने दे दी जान, जूम करके पढ़े पूरा लेटर

इसमें कोई शक नहीं कि वर्तमान समय में बच्चे ऑनलाइन गेम खेलना बहुत पसंद करते है और पूरा दिन मोबाइल में ही व्यस्त रहते है। यहां तक कि माता पिता के मना करने के बावजूद भी बच्चे उनसे छिप कर गेम खेलते है और इस वजह से कई बार उन्हें कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ता है। जी हां आपको बता दे कि हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां फ्री फायर गेम में हारने के बाद इस शख्स ने अपनी जान दे दी और अपनी मां के नाम एक खत लिख कर हमेशा के लिए चला गया।

फ्री फायर गेम में हारने के बाद लड़के ने दे दी अपनी जान :

दरअसल यह मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का है, जहां तेरह साल का एक लड़का अपने माता पिता से छिप कर फ्री फायर गेम खेलता था और इस गेम में लड़के ने चालीस हजार रुपए भी लगाए थे, लेकिन अफसोस कि वह हार गया। ऐसे में वह काफी तनाव में आ गया और इसी तनाव के चलते उस लड़के ने खुद को फांसी लगा कर अपनी जान दे दी। अगर खबरों की माने तो तेरह साल के कृष्णा को मोबाइल पर गेम खेलने की आदत लग गई थी और वह ऑनलाइन क्लास के लिए अपनी माता का मोबाइल इस्तेमाल करता था, मगर साथ ही वह चोरी छिपे गेम भी खेलता था।

हालांकि यहां बात सिर्फ गेम खेलने तक सीमित नहीं थी, बल्कि वह इस गेम में पैसे भी लगाता था। यानि इस गेम में कृष्णा ने जो चालीस हजार रुपए लगाए थे, वो सभी रुपए गेम में हार गया। गौरतलब है कि ये सभी रुपए उसकी माता के बैंक अकाउंट से कटे थे और जब कृष्णा की मां को इस बात का पता चला, तो उन्होंने अपने बेटे को कॉल किया, तो ऐसे में कृष्णा ने बताया कि वो सभी रुपए गेम में हारने की वजह से कटे है। बहरहाल बेटे की बात सुन कर उसकी मां काफी नाराज़ हुई और उसे खूब डांट भी लगा दी। बस अपनी मां की कड़वी बातें सुन कर बेटा तनाव में आ गया और उसने अपनी जान दे दी।

गेम में इतने हजार रुपए हार गया था बच्चा :

यहां गौर करने वाली बात ये है कि कृष्णा अपनी मां प्रीति और पिता विवेक पांडेय का इकलौता बेटा था और कृष्णा के पिता जी पैथोलॉजी संचालक है, जब कि उसकी मां जिला अस्पताल में काम करती है। वही कृष्णा छठवीं क्लास में पढ़ाई करता था और उसकी एक बहन भी है। जी हां कृष्णा बीते शुक्रवार को दोपहर तीन बजे गेम खेल रहा था और मां से बात करने के बाद जब उसने सारी सच्चाई अपनी मां को बताई तब उसकी मां उस पर काफी नाराज़ हुई। इसके साथ ही कृष्णा की मां ने उसे मोबाइल पर गेम न खेलने की बात कही और फोन रख दिया। बस इसके बाद कृष्णा अपने रूम में गया और खुद को फांसी लगा कर हमेशा के लिए इस दुनिया से चला गया।

ऐसे में जब काफी समय तक कृष्णा ने कमरा नहीं खोला तो उसकी बहन ने इस बात की सूचना अपनी मां को दी और फिर उसके माता पिता घर पहुंच गए। फिर जब कमरे का दरवाजा तोड़ा तो कमरे के अंदर का नजारा देख कर कृष्णा के माता पिता के होश उड़ गए। जी हां उनका तेरह साल का बेटा फांसी के फंदे पर लटक रहा था और फिर कृष्णा के माता पिता ने बेटे को रस्सी से उतारा तथा उसे फौरन अस्पताल ले गए।

इस कहानी से हर किसी को लेना चाहिए सबक :

जहां डॉक्टर्स ने उसे मरा हुआ घोषित कर दिया। इसके इलावा ऐसा कहा जा रहा है कि कृष्णा के रूम से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें फ्री फायर गेम में चालीस हजार रुपए हारने की बात लिखी गई थी और यह भी लिखा था कि वह तनाव में जाने की वजह से सुसाइड कर रहा है। इसके साथ ही नोट में कृष्णा ने अपनी मां के लिए लिखा कि एम सॉरी मां, डोंट क्राई।

दोस्तों इस कहानी से यही सबक मिलता है कि मोबाइल का इस्तेमाल करना गलत नहीं है, लेकिन मोबाइल का इस्तेमाल उसी हद तक करना चाहिए, जिससे आपको अपनी जान न गंवानी पड़े और न ही आपके परिवार को किसी मुश्किल का सामना करना पड़े।

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