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पेट के अनेक रोगों के लिए फायदेमंद है लवण भास्कर चूर्ण, जानिए इसके फायदे, नुक्सान और सेवन करने की सही विधि

लवण भास्कर चूर्ण के फायदे : बता दे कि आयुर्वेद के अनुसार लवण भास्कर चूर्ण मन्दाग्नि, अजीर्ण, उदर रोग, तिल्ली,वातकफज गुल्म, रक्तदोष, अर्श, ग्रहणी शूल, कब्ज, कुष्ठ, क्षय, शोथ, बवासीर और आमवात जैसे कई कष्टों को दूर करने के लिए एक लाभकारी उत्पाद है। जी हां यह मनुष्य के शरीर में खराब अन्न और अपरिपक्व अन्न रस के कारण पैदा हुए विष को नाश करके पेट के रोगों से छुटकारा दिलाने में सहायक है। इसके इलावा लवण भास्कर चूर्ण पेट के अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक वरदान माना जाता है और यह पेट के रोगों के लिए काफी फायदेमंद आयुर्वेदिक औषधि है।

लवण भास्कर चूर्ण के फायदे 

लवण भास्कर चूर्ण क्या है :

अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर लवण भास्कर चूर्ण क्या है, तो हम आपको बताना चाहते है कि यह अमाशय से उत्सर्जित होने वाले पाचक रसों के स्तर को संभाल कर एक सफल पाचन प्रणाली का समर्थन करता है। जी हां यह उत्पाद डॉक्टर की पर्ची के बिना मिलने वाला उत्पाद है, जो कई ब्रांड के साथ बाजार में मिलता है। बहरहाल लवण भास्कर चूर्ण कई कंपनी और ब्रांड के नाम से प्रचलित है, जो इस प्रकार है।

  • पतंजलि दिव्य लवण भास्कर चूर्ण
  • डाबर लवण भास्कर चूर्ण
  • बैद्यनाथ लवण भास्कर चूर्ण
  • झंडू लवण भास्कर चूर्ण

लवण भास्कर चूर्ण में पाएं जाने वाले घटक :

सौंचर नमक

सैंधव नमक

समुद्र लवण

विड नमक

कृष्ण जीरक

धनिया

तालीस

तेजपत्ता

श्वेत जीरा

सोंठ

काली मिर्च

इलायची

अनार के बीज

दालचीनी

नागकेशर

अम्लवेतस

पिप्पली आदि।

लवण भास्कर चूर्ण के फायदे :

सैंधव नमक : बता दे कि सैंधव नमक एक खनिज धातु है, जो नमक का शुद्ध रूप होता है। इसमें विटामिन और मिनरल का अच्छा स्त्रोत होता है, जो पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है। जी हां यह कब्ज, गैस, सीने में जलन और खट्टी डकार जैसी आदि समस्याओं के लिए लाभकारी माना जाता है।

कृष्ण जीरक : गौरतलब है कि कृष्ण जीरक जठराग्नि के तेज को कम करके अम्लपित्त के उपचार में सहायक है। बता दे कि कृष्ण जीरक नींबू के साथ भूख की कमी को भी दूर कर सकता है और पेट में कीड़ों की उपस्थिति के कारण भोजन शरीर पर नहीं लगता तो ऐसे में अपच की समस्या बनी रहती है। ऐसी स्थिति में कृष्ण जीरक काफी राहत प्रदान करता है।

तेजपत्ता : बता दे कि तेजपत्ता सूजन के लिए जिम्मेदार एंजाइमों की गतिविधि को बाधित करके पेट में सूजन के प्रभाव को कम करती है और आंतरिक जख्मों को जल्दी भरने के लिए कनेक्टिव कोशिकाओं के विकास को बढ़ाने में सहयोगी है। जब कि सोंठ पेट की जलन, कब्ज, अपच, गैस, मतली और उल्टी के चयनित प्रमुख यौगिकों में से एक है। जो असामान्य पाचन क्रियाओं में सुधार ला कर पाचन शक्ति को मजबूत करती है। इसके साथ ही सोंठ में एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाएं जाते है, जो संक्रमण नाशक होते है।

काली मिर्च : अब अगर हम काली मिर्च की बात करे तो काली मिर्च गैस्ट्रिक परेशानियों से निजात दिला कर आंतों का पूरा ख्याल रखती है और काली मिर्च में भूख बढ़ाने वाले तथा दस्त का इलाज करने वाले गुणों की प्रधानता होती है। जब कि दालचीनी मसालों के रूप में प्रयोग होने वाली एक आम सामग्री है। जो पेट की कई बीमारियों के लिए लाभकारी साबित होती है। जी हां यह स्वास्थ्य की प्रतिरोधक क्षमता को बनाएं रखने में मदद करती है।

लवण भास्कर चूर्ण के दुष्प्रभाव :

अगर हम लवण भास्कर चूर्ण के दुष्प्रभावों की बात करे तो वे शून्य के बराबर माने जाते है, क्योंकि यह पूरी तरह से सुरक्षित औषधि है और इससे सेहत को कोई नुकसान नहीं होता।

लवण भास्कर चूर्ण की खुराक :

बता दे कि लवण भास्कर चूर्ण की खुराक रोगी की अवस्था के अनुसार ही उसे दी जाती है। जी हां लवण भास्कर चूर्ण का सेवन दिन में एक से चार ग्राम तक  ही करना चाहिए और इस खुराक को विभाजित भागों में भी लिया जा सकता है। जब कि बच्चों को इस की खुराक देने के लिए बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह भी ले सकते है।

गौरतलब है कि लक्षण गंभीरता के मामलों में लवण भास्कर चूर्ण की खुराक को बढ़ा कर दिन में चार से पांच बार इसका सेवन किया जा सकता है। मगर इस दौरान चिकित्सीय की राय लेना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। इसके इलावा लवण भास्कर चूर्ण को स्थिति की नाजुकता के अनुसार उचित अनुपान के साथ लिया जा सकता है। जैसे कि इसे शीतल जल, गर्म पानी, सौंफ अर्क, नींबू शरबत या मट्ठा आदि के साथ लिया जा सकता है। इसके साथ ही मिलावटी चूर्ण या एक्सपायरी चूर्ण का सेवन करने से भी जरूर बचे।

बता दे कि अगर चूर्ण की एक खुराक छूट जाएं तो निर्धारित लवण भास्कर चूर्ण का सेवन जल्दी करे। हालांकि अगर अगली खुराक लवण भास्कर चूर्ण के पास हो तो छूटी हुई खुराक न ले।

लवण भास्कर चूर्ण से जुड़ी सावधानियां :

लवण भास्कर चूर्ण लेने से पहले इन बातों का ध्यान जरूर रखे। जी हां अगर इस तरह की परिस्थितियां हो तो लवण भास्कर चूर्ण का इस्तेमाल सोच समझ कर ही करे।

बता दे कि अगर कोई महिला गर्भावस्था में हो तो इसमें मौजूद गर्म मसालों के कारण गर्भपात हो सकता है। इसलिए गर्भावस्था में इसका सेवन करने से बचे और डॉक्टर की सलाह लेकर सुरक्षित तरीके से ही इसका सेवन करे। इसके इलावा मासिक धर्म के दौरान भी चिकित्सक की सलाह लेकर इसका सेवन करे।

बता दे कि स्तनपान के दौरान इस चूर्ण का सेवन करने से सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। तो ऐसे में इस चूर्ण का सेवन करने से पहले नर्सिंग महिला डॉक्टर की सलाह जरूर ले लीजिए।

बता दे कि इस चूर्ण को खाने के तुरंत बाद ही लेना चाहिए, क्योंकि भूखे पेट इसका सेवन करने से पेट की जटिलता बढ़ सकती है। फिलहाल लवण भास्कर चूर्ण लेने से इसकी आदत पड़ने का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है, लेकिन फिर भी उचित समयावधि के लिए डॉक्टर की जरूरत पड़ सकती है।

इसके इलावा यह चूर्ण शरीर के साथ साथ मानसिक हालातों को सुधारने में भी मदद करता है। तो इसका सेवन करने के बाद आप आसानी से ड्राइविंग कर सकते है। इससे आपको ड्राइविंग करने में कोई समस्या नहीं आयेगी, क्योंकि इसका सेवन करने के बाद आपको नींद नहीं आएगी।

बता दे कि इस चूर्ण के सेवन से सिर्फ भूख बढ़ती है, लेकिन अगर आप वजन बढ़ाना चाहते है तो आपको अपने भोजन की खुराक ही बढ़ानी होगी। वही जो लोग शराब का सेवन करते है उन्हें चिकित्सक की सलाह लेकर ही चूर्ण का सेवन करना चाहिए।

बता दे कि यह चूर्ण अंगों की उत्तेजना को बढ़ा कर पुरुष प्रदर्शन को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। हालांकि इस संबंध में आप डॉक्टर के कहे अनुसार ही लवण भास्कर चूर्ण का सेवन कर सकते है।

गौरतलब है कि यह आयुर्वेदिक चूर्ण भारत में पूरी तरह से लीगल है। बहरहाल अब तो आपको पता चल गया होगा कि लवण भास्कर चूर्ण क्या है और इसका सेवन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। हम उम्मीद करते है कि आपको यह जानकारी जरुर पसंद आई होगी और आप इस चूर्ण का सेवन एक बार तो जरूर करेंगे।

Disclaimer : विभिन्स माध्यमों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। Indian News Room इसके लिए जिम्मेदार नहीं है और न ही इसकी सत्यता और प्रमाणिकता का दावा करता है। कोई भी उपाय करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

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