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क्या आप जानते है दिल्ली मेट्रो और रेलवे स्टेशन पर जो बैग चेक करने की मशीन होती है वह क्या-क्या देख सकती है, जानिए विस्तार से

ये तो सब जानते है कि दिल्ली मेट्रो में सफर करने के दौरान आपको आमतौर पर चेकिंग का सामना करना पड़ता है और ये चेकिंग आपको परेशान करने के लिए नहीं बल्कि आपकी सुरक्षा के चलते की जाती है। जी हां ये सब आपकी सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। बता दे कि मेट्रो के एंट्री प्वाइंट पर लगे स्कैनर के ऊपर सुरक्षा की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। ऐसे में स्कैनर आपके पास मौजूद बहुत सी चीजों को देखने की क्षमता रखता है। बहरहाल आज हम आपको बताना चाहते है कि आखिर दिल्ली मेट्रो स्टेशन का हाईटेक स्कैनर क्या क्या देख सकता है और हमें यकीन है कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आएगी।

दिल्ली मेट्रो स्टेशन का हाईटेक स्कैनर कर सकता है इन चीजों की जांच :

यहां गौर करने वाली बात ये है कि स्कैनर में तीन सौ पचास बैग एक घंटे में क्लीयर करने की क्षमता होती है और ऐसे में स्कैनर की नजरों से कोई नहीं बच सकता। यहां तक कि ये किसी भी विस्फोटक सामग्री और पैंतीस एमएम जैसी स्टील की छोटी प्लेट को भी स्कैन कर सकता है। गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो सेवा का लाभ हर रोज दिल्ली एनसीआर के हजारों लोग उठाते है और यही वजह है कि मेट्रो स्टेशन पर सुबह से लेकर रात तक काफी चहल पहल रहती है। ऐसे में स्टेशनों की सुरक्षा काफी जरूरी हो जाती है और दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास है, जिसके चलते सीआईएसएफ के जवान मेट्रो स्टेशन पर होने वाली किसी भी घटना को रोकने के लिए चौबीस घंटे तैनात रहते है।

बता दे कि सीआईएसएफ के जवानों की मदद के लिए ही मेट्रो के एंट्री प्वाइंट पर हाईटेक स्कैनर सिस्टम लगाएं जाते है। वही अगर हम इस स्कैनर की बात तो दिल्ली के कुछ मेट्रो स्टेशन पर हाल ही में नया स्कैनर सिस्टम लगाया गया है और जल्दी ही ये सभी मेट्रो स्टेशन पर लगा दिया जाएगा। जिसकी क्षमता एक घंटे में पांच सौ पचास बैग चेकिंग करने की होती है। जब कि अभी लगे स्कैनर की क्षमता करीब तीन सौ पचास बैग चेक करने की है। इसके इलावा नए सिस्टम में कन्वेयर बेल्ट की गति तीस सेंटीमीटर प्रति सेकंड है, जब कि पुराने स्कैनर में यह स्पीड अठारह सेंटीमीटर प्रति सेकंड है।

मेट्रो प्रबंधन ने नए स्कैनर सिस्टम के बारे में कही खास बातें :

इस बारे में मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि कन्वेयर बेल्ट के तेज चलने से पीक आवर में स्कैनर प्वाइंट पर पैसेंजर्स की भीड़ नहीं लगती और सामान की जांच भी तेजी से हो जाती है। गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो स्टेशन पर लगी स्कैनर मशीन से हाई रेजोल्यूशन तस्वीरें मिलती है और इन्हें देखने के लिए मॉनिटर भी बड़े लगाएं गए है। जिसके चलते सुरक्षा में लापरवाही होने की संभावना कम हो जाती है।

बता दे कि डीएमआरसी ने अभी तक कश्मीरी गेट, एम्स, राजौर गार्डन, हुडा सिटी सेंटर, म्यूर विहार फेज_1, नोएडा सेक्टर 18 और पालम आदि मेट्रो स्टेशनों पर पुराने स्कैनर को हटा कर नए हाईटेक स्कैनर सिस्टम लगा दिए गए है। जो पैंतीस एमएम जैसी स्टील की छोटी प्लेट को भी स्कैन कर लेता है और नए सिस्टम से सामान में मौजूद छोटी छोटी चीजों को भी देखा जा सकता है।

इसके जरिए मुख्य रूप से विस्फोटक का पदार्थ का पता लगाया जा सकता है और इसके इलावा लोहे की धारदार वस्तु तथा अन्य छोटे और नुकीले हथियारों को भी सर्च कर सकता है। अब तो आपको पता चल गया होगा कि दिल्ली मेट्रो स्टेशन का हाईटेक स्कैनर किस किस चीज की जांच कर सकता है और ये मेट्रो स्टेशन पर क्यों लगाया जाता है। दोस्तों मेट्रो स्टेशन पर लगे नए हाईटेक स्कैनर  सिस्टम को लेकर आपकी क्या राय है, ये हमें जरूर बताइएगा।

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