स्वास्थ्य

Immunization Schedule : बच्चों के लिए क्‍यों जरूरी है टीकाकरण, जानिए इसका महत्व और सावधानियां

Immunization Schedule : टीकाकरण एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके जरिए हमारी बॉडी में बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पैदा करने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन किया जा सके। टीकाकरण से बच्चे में जानलेवा बीमारियों का खतरा कम होता है और इससे दूसरे लोगों में बीमारी के प्रसार को कम करने में भी सहायता मिलती है।

किसी बीमारी के विरुद्ध प्रतिरोधात्मक क्षमता (immunity) विकसित करने के लिए जो दवा खिलायी/पिलायी या किसी अन्य रूप में दी जाती है उसे टीका (vaccine) कहते हैं तथा यह क्रिया टीकाकरण (Vaccination) कहलाती है।

विश्व स्वास्थ संगठन(WHO) द्वारा 24 से 30 अप्रैल तक “वर्ल्ड इम्यूनाइजेशन अवेयरनस वीक” मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य सभी आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण के महत्व और उसके बारे में अवगत करवाना होता है।

टीकाकरण क्यों जरूरी है :

Immunization

टीकाकरण होने से आपका बच्चा कम बीमार पड़ता है। जन्म के समय बच्चे की रोगरोधी क्षमता काफी कमजोर होती है उसको कई तरह के घातक रोग होने की संभावनाएं बनी रहती है। बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए टीकाकरण करवाना बेहद जरी होता है। टीकाकरण करवाने से खसरा, टीबी, काली खांसी आदि बिमारियों से बचाव होता है। अगर आपके बच्चे का टीकाकरण नहीं हुआ है तो उसमें ये बीमारियां आसानी से फैल सकती है।

टीकाकरण का महत्व :

अगर आप समय से अपने बच्चे का टीकाकरण करवा लेते है तो आपका बच्चा बचपन से ही गंभीर बिमारियों से बचा रहता है। टीकाकरण करवाने से आपके बच्चे में एंटीबाडी बन जाती है जो इन रोगो से लड़ने की ताकत प्रदान करती है। जिससे ये बीमारियां होने की सम्भावनाए कम हो जाती है।

बच्चों को लगने वाले कुछ महत्वपूर्ण टीके : 

बी.सी.जी वैक्सीन : BCG Vaccine
टी.बी एक जीवाणुजनित बीमारी है, जो फेफड़ों, दिमाग और शरीर के कई अंगो को प्रभावित करती है। यह रोग टी.बी से पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलती है। बी.सी.जी के टीके के जरिये बच्चें को टी.बी की बीमारी से बचाया जा सकता है। आमतौर पर बच्चों के जन्म लेने के तुरंत बाद उन्हें बैसिले कैल्मेट गुरिन (बीसीजी) के टीके लगाये जाते हैं। क्योंकि यह बच्चों के भविष्य में क्षयरोग के साथ साथ टीबी मेनिनजाइटिस से संक्रमित होने की संभावना को कम करता है।

Immunization Schedule

हेपेटाइटिस ए : Hepatitis A
यह एक विषाणुजनित रोग है, जो लीवर को प्रभावित करता है। यह रोग दूषित भोजन, पानी या संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने की वजह से फैलता है। यह रोग बच्चों में ज्यादा होता है। हेपेटाइटिस वायरस के कारण बुखार, उल्टी और जांडिस की समस्या आती है। इससे बचाव के लिए हेपीटाइटिस ए वैक्सीन का पहला टीका बच्चों को जन्म के 1 साल बाद और दूसरा टीका पहली डोज के 6 महीने बाद लगना अति आवश्यक है।

हेपेटाइटिस बी : Hepatitis B
हेपेटाइटिस बी रोग के कारण बच्चों के लीवर में जलन और सूजन होने लगती है। इसलिए नवजात शिशुओं को जन्म के बाद पहली डोज, दूसरी डोज 4 हफ्ते बाद और 8 हफ्ते के बाद हेपेटाइटिस बी वैक्सीन तीसरी डोज दी जाती है। यह रोग संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है।

डीटीपी : DPT
बैक्टीरिया के कारण बच्चों को डिपथीरिया, टेटनस, काली खांसी जैसी गंभीर बीमारियां हो जाती हैं। इन बीमारियों से निजात के लिए बच्चों को जन्म के 6 हफ्ते बाद डीटीपी का पहला टीका और इस टीके के 4 हफ्ते बाद दूसरा, बाद में 4 हफ्ते के अंतराल पर तीसरा और चौथा टीका 18 महीने और पांचवा टीका 4 साल के बाद लगवाना चाहिए।

पोलियो वैक्सीन :
पोलियो का विषाणु दिमाग और मेरुदंड पर हमला करता है, जो लकवे का कारण बन सकता है। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के मल, बलगम या थूक के संपर्क में आने से फैलता है। इन बीमारियों से निजात के लिए बच्चों को जन्म के 6 हफ्ते बाद पोलियों का पहला टीका और इस टीके के 4 हफ्ते बाद दूसरा, बाद में 4 हफ्ते के अंतराल पर तीसरा और चौथा टीका 18 महीने और पांचवा टीका 4 साल के बाद लगवाना चाहिए।

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Source: nhm.gov.in 

टीकाकरण के दौरान सावधानियां :

Baby Care Tips Hindi

  • हमेशा सरकारी या किसी प्रतिष्ठित निजी अस्पताल से ही टीकाकरण करवाए।
  • अगर टीका लगने के बाद आपके बच्चे को कुछ परेशानी होती है तो तुरंत डॉ से संपर्क करे।
  • टिका देने से पहले उसकी Expiry Date जरूर जांच ले।
  • अगर आपके बच्चे को बुखार या सर्दी है तो डॉ की सलाह जरूर लें।
  • डीपीटी टीकाकरण से पहले अगर आपके बच्चे को दौरे या अचानक मांसपेशियों में ऐंठन आदि की समस्या हुई हो तो डॉक्टर को सूचित करें।

अगर टीके लगाने के बाद बच्चे को ज्यादा परेशानी हो रही हो तो ऐसे में आप चेकअप के लिए डॉक्टर के पास जाएं।

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