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Ayodhya Case Verdict 2019 : अयोध्या में बनेगा राम मंदिर, जानिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 6 बड़ी बातें

Ayodhya Case Verdict 2019 : देश के सबसे पुराने केस में से एक अयोध्या विवाद पर फैसला आ गया है। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, मंदिर का रास्ता साफ। विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगी। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाया। इस फैसले को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर ने फैसला सुनाया। खास बात है कि यह फैसला पांचों जजों की सर्वसम्मति से सुनाया गया है। लोग काफी समय से अयोध्या के फैसले का इंतजार कर रहे थे, और आपको भली भांति पता होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या फैसले पर अपना एक महत्वपूर्ण फैसला दे दिया है। तो चलिए जानते है फैसले से जुडी 6 अहम बातें..

कोर्ट ने कहा मंदिर के लिए बनाए ट्रस्ट :

Ayodhaya Case Result

कोर्ट के फैसले के बाद सरकार को यह आदेश मिले हैं कि जल्द से जल्द वे किसी ट्रस्ट को संगठित करें और राम मंदिर के निर्माण कार्य में जुट जाएं। उत्तर प्रदेश सरकार को राम मंदिर के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बनाने के निर्देश दे दिए गए है, और अदालत का दूसरा फैसला यह भी है कि 2.70 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन रहेगी।

मस्जिद गिराना उल्लंघन :

कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि 3 महीने के भीतर मंदिर निर्माण कार्य शुरू हो जाना चाहिए, और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन दे दी जाए इस दी गई। जमीन पर नई मस्जिद बनाई जाएगी। हालांकि बाबरी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा कि मस्जिद को गिराना उल्लंघन का काम भी है।

सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना दावा रखने में हुआ विफल :

अदालत ने अपने फैसले को लेकर यह बात भी रखी है कि सुन्नी बोर्ड अयोध्या मामले में अपना दावा रखने में नाकाम हुआ है, और उनके पास कोई भी ऐसे ठोस सबूत नहीं है। जिससे उनका अधिकार साबित हो सके। लेकिन कोर्ट ने फैसले की मान रखते हुए मस्जिद के लिए अलग से जमीन भी दे दी है ताकि दोनों पक्षों के हित में फैसला हो।

मुस्लिम और हिंदू अलग-अलग जगह करते थे पूजा : Ayodhya Case Verdict 2019

Ayodhaya Case Result

कोर्ट का कहना है कि मुसलमान अंदर नमाज पढ़ते थे और हिंदू बाहरी परिसर में पूजा करते थे। लेकिन अब हिंदू और मुस्लिमों के लिए अलग-अलग निर्माण कार्य शुरू होंगे। मुस्लिमों के लिए अलग से मस्जिद बनेगी और हिंदुओं के लिए अलग से मंदिर ताकि दोनों को किसी तरह की परेशानी ना हो।

खाली जगह पर नहीं थी मस्जिद :

कोर्ट ने इस बात को साफ कर दिया कि बावरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी। एएसआई के मुताबिक मंदिर के ढांचे के ऊपर ही मस्जिद बनाई गई थी। पहले वहां पर मंदिर था जिसको हटाकर वहां पर मस्जिद बनाई गई थी। अदालत ने यह भी बताया कि वे अयोध्या को भगवान राम की जन्मभूमि मानते है जो उनकी धार्मिक भावनाओं से ओतप्रोत है। लेकिन हिंदूओ की मान्यता यह है कि भगवान राम केंद्रीय गुबंद के नीचे जन्मे थे यह हिंदुओं के लिए आस्था की बात है।

संतुलन बनाना जरूरी :

Ayodhaya Case Result

अदालत ने दोनों पक्षों को ध्यान में रखकर फैसला लिया है। दोनों पक्षों को संतुलित तरीके से रखा है, क्योंकि अगर मंदिर का निर्माण कार्य होगा तो मस्जिद के लिए भी अलग से जगह देकर दोनों पक्षों को मजबूत कर दिया है। सभी इस फैसले से खुश नजर आ रहे है।

फैसले से संबंधित कुछ प्रमुख बातें : Ayodhya Case Verdict 2019

कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े के दावे को नकार दिया है।
अगर हम हिंदुओं की आस्था को देखे तो अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि रही है।
यहां पर राम चबूतरा और सीता रसोई स्थित है जो अंग्रेजों के जमाने से पहले की है।
अगर हम प्राचीन ग्रंथों को देखे तो अयोध्या बड़ी ही पावन नगरी है जो भगवान श्री राम की जन्मभूमि भी रही है।
जो ढांचा ढह गया है उसके नीचे एक मंदिर था उसके बाद यहां पर मस्जिद का निर्माण हुआ था।हालांकि इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं है।

यह भी पढ़े : अयोध्या में लहराएगा भगवा, सुप्रीम कोर्ट ने 400 साल पुराने केस में दिया ऐतिहासिक फैसला

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