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अयोध्या में लहराएगा भगवा, सुप्रीम कोर्ट ने 400 साल पुराने केस में दिया ऐतिहासिक फैसला

Ayodhaya Case Result : देश के सबसे पुराने केस में से एक अयोध्या विवाद पर फैसला आ गया है। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, मंदिर का रास्ता साफ। विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगी। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाया। इस फैसले को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर ने फैसला सुनाया। खास बात है कि यह फैसला पांचों जजों की सर्वसम्मति से सुनाया गया है। लोग काफी समय से अयोध्या के फैसले का इंतजार कर रहे थे, और आपको भली भांति पता होगा कि सुप्रीम कोर्ट ने आज अयोध्या फैसले पर अपना एक महत्वपूर्ण फैसला दे दिया है।

इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह आदेश भी दे दिया है कि वह उस विवादित जमीन को रामलला के हिस्से में दे दे। दूसरी बात यह है कि उन्होंने मस्जिद के निर्माण के लिए 5 एकड़ की जमीन भी मुहैया करवाई है। केंद्र सरकार के नियमानुसार और निर्देशानुसार कोर्ट ने यह आदेश भी आदेश दिया है कि राम लला के मंदिर के मंदिर के निर्माण के लिए वह जल्द से जल्द रूपरेखा तैयार करें और मंदिर के निर्माण कार्य को शुरू कर दें।

Ayodhaya Case Result

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सुप्रीम कोर्ट का मंदिर के पक्ष में यह फैसला आने के बाद लोगों को काफी राहत की सांस भी मिली है। सरकार को इस निर्माण मामले के लिए एक ट्रस्ट बनाने का आदेश भी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा मिला है। अब इस मंदिर के बनाने के लिए सरकार एक ट्रस्ट का गठन भी करेगी और सरकार द्वारा बनाया गया ये ट्रस्ट मंदिर निर्माण कार्य में सहयोग देगा। आस्था और विश्वास पर नहीं, कानून के आधार पर फैसला।

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हम सभी यह भी जानते हैं कि भगवान राम हमारे आदर्श है, तो उनके आदर्शों को देखते हुए और सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानते हुए हम राम लला मंदिर का निर्माण के लिए बखूबी योगदान और श्रमदान देंगे। सरकार भी चाहती है की लोग उनको सहयोग दे और मंदिर निर्माण में उनका सहयोग करे। अगर आपको नहीं पता है तो बता दे कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला आर्टिकल 142 को ध्यान में रखते हुए दिया है।

अगर हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले की बात करें तो उन्होंने यह फैसला हिन्दू पक्ष में इसलिए भी दिया है क्योंकि मुस्लिम पक्ष अयोध्या की विवादित जमीन पर अपना ना दावा साबित करने में असफल रही है। क्योंकि जब इस फैसले की सुनवाई चल रही थी तो इस बात का भी जिक्र हुआ था कि इस जमीन के नीचे जो संरचना मिली थी वह इस्लामिक यानी मुस्लिम से सम्बंधित नहीं थी। तीन महीने में केंद्र सरकार करेगी मंदिर ट्रस्ट का गठन।

Ayodhaya Case Result Ayodhaya Case Result

कोर्ट ने यह फैसला सिर्फ आस्था के आधार पर ही नहीं बहुत सारे पहलुओं को देखते हुए यह फैसला तैयार किया है।आपको यह भी बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का यह कहना भी है कि जिस विवादित जगह के बारे में बात चल रही थी वहां पहले मंदिर था और उसको तोड़कर उसके बाद वहां पर मस्जिद बनाई गई थी लेकिन इस बात की कोई सबूत नही है।

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