धर्म-कर्म

मंगलवार के व्रत शुरू करने से पहले जरूर रखे इन बातों का ध्यान, जानिए मंगलवार का व्रत करने के नियम और विधि

मंगलवार का व्रत करने की विधि : बता दे कि जो लोग मंगलवार के व्रत के बारे में नहीं जानते, उन्हें ये जान लेना चाहिए कि मंगलवार के व्रत को लेकर ऐसी मान्यता है कि यह बल, साहस, सम्मान और पुरुषार्थ को बढ़ाने वाला होता है। जी हां मंगलवार के दिन व्रत रखने से हनुमान जी खुश हो कर व्यक्ति के सभी संकट दूर कर देते है। इसके साथ ही ये भी माना जाता है कि इस दिन व्रत रखने से बुरी शक्तियां तथा नेगेटिव एनर्जी भी हमसे दूर रहती है। हालांकि मंगलवार के व्रत शुरू करने से पहले आपको कुछ खास बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इसके इलावा कुछ लोग ये भी सोचते है कि आखिर हनुमान जी का व्रत मंगलवार को ही क्यों किया जाता है, तो आज हम आपको मंगलवार का व्रत करने की विधि इस बारे में सब कुछ विस्तार से बताना चाहते है।

मंगलवार का व्रत करने की विधि Hanuman

मंगलवार के व्रत शुरू करने से पहले ध्यान रखे ये बातें :

दरअसल पौराणिक मान्यताओं और स्कंदपुराण में बताए गए प्रसंग के अनुसार मंगलवार को ही हनुमान जी यानि बजरंगबली का जन्म हुआ था और इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है। इसके इलावा उनकी पूजा करने से जीवन के सब संकट दूर हो जाते है, इसलिए उन्हें संकटमोचक भी कहा जाता है। इसके साथ ही मंगलग्रह का संबंध भी हनुमान जी से माना जाता है और यही वजह है कि इस दिन व्रत करने और सुंदरकांड का पाठ करने से मंगल के अशुभ प्रभाव भी दूर हो जाते है। गौरतलब है कि मंगलवार के व्रत रखने से पहले इन नियमों का पालन जरूर करे, तभी आपके व्रत सफल होंगे।

इस व्रत के दौरान सबसे ज्यादा ध्यान पवित्रता का रखा जाता है। बहरहाल पूजा के दौरान मन को शांत रखे और प्रभु का ध्यान करे। बता दे कि मंगलवार के दिन व्रत रखने के बाद नमक का सेवन न करे और अगर किसी मीठी वस्तु का दान करते है तो उसे खुद भी ग्रहण करे। बता दे कि मंगलवार के दिन व्रत रखने के बाद लाल कपड़े पहनना सबसे अच्छा माना जाता है, इसलिए इस दिन सफेद या काले कपड़े न पहने। गौरतलब है कि मंगलवार के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को दिन भर में केवल एक ही बार भोजन करना चाहिए।

इस तरह करे मंगलवार के व्रत की शुरुआत :

बहरहाल आप किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार को इस व्रत की शुरुआत कर सकते है। इसके साथ ही इक्कीस या पैंतालीस व्रत रखने का संकल्प जरूर ले, क्योंकि ऐसा करने से आपको अपनी इच्छा अनुसार फल की प्राप्ति हो सकती है। जी हां ग्यारह, इक्कीस या इच्छा अनुसार मंगलवार के व्रत पूरे करने के बाद आपको उद्यापन भी करना चाहिए और इस दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के साथ साथ दान पुण्य भी करना चाहिए। लाल बूंदी, गुड़ और लाल मसूर की दाल का दान भी इस दिन करना काफी शुभ माना जाता है। बंदरो को चूरमा और चने खिला सकते है इससे भगवान बजरंग बलि काफी खुश होते है। 

यहां गौर करने वाली बात ये है कि महिलाओं के मन में हनुमान जी की पूजा को लेकर हमेशा संदेह बना रहता है, लेकिन पुराणों में ये बताया गया है कि महिलाएं भी हनुमान जी की पूजा कर सकती है और व्रत रख सकती है। जी हां किसी भी ग्रंथ में यह नहीं लिखा कि महिलाएं हनुमान जी की पूजा नहीं कर सकती, लेकिन ये जरूर सच है कि महिलाओं द्वारा हनुमान जी को लाल वस्त्र या चोला नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। वो इसलिए क्योंकि हनुमान जी आजीवन ब्रह्मचारी थे और महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान मंगलवार का व्रत नहीं रखना चाहिए।

हनुमान जी की आरती जरूर पढ़ें :

वही अगर आप हनुमान जी की आरती गायेंगे तो इससे भी हनुमान जी काफी प्रसन्न होते है। बता दे कि हनुमान जी की आरती कुछ इस प्रकार है।

आरती कीजै हनुमान लला की।

दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।

जाके बल से गिरिवर कांपे।

रोग दोष जाके निकट न झांके।।

अंजनि पुत्र महाबलदायी।

संतान के प्रभु सदा सहाई।।

दे बीरा रघुनाथ पठाए।

लंका जारी सिया सुध लाए।।

लंका सो कोट समुद्र सी खाई।

जात पवनसुत बार न लाई।।

लंका जारी असुर संहारे।

सियारामजी के काज संवारे।।

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।

आणि संजीवन प्राण उबारे।।

पैठी पताल तोरि जमकारे।

अहिरावण की भुजा उखाड़े।।

बाएं भुजा असुर दल मारे।

दाहिने भुजा संतजन तारे।।

सुर नर मुनि जन आरती उतारे।

जै जै जै हनुमान उचारे।।

कंचन थार कपूर लौ छाई।

आरती करत अंजना माई।।

लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई।

तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।

जो हनुमान जी की आरती गावै।

बसी बैकुंठ परमपद पावै।।

बहरहाल मंगलवार के व्रत शुरू करने से पहले अगर आप इन बातों को ध्यान से पढ़ेंगे और इन नियमों का पालन करेंगे तो आपको शुभ फल की प्राप्ति जरूर होगी। उम्मीद करते है की आप मंगलवार का व्रत करने की विधि के बारे में अच्छी तरह से जान चुके होंगे। 

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