अध्यात्म

क्या आपको पता है आखिर यज्ञ और हवन में क्या अंतर होता है, यह भी जानिए हिन्दू धर्म में इनका क्या महत्त्व है

वैसे तो हिंदू धर्म में पूजा और रीति रिवाजों को लेकर ऐसी बहुत सी मान्यताएं है जिन्हें लोग आज भी मानते है, लेकिन हिंदू धर्म से जुड़ी कुछ बातें ऐसी भी है जिनके बारे में लोगों को उचित और सही जानकारी नहीं है। जैसे कि ये तो सब जानते है कि हिंदू धर्म में यज्ञ और हवन का कितना महत्व है, लेकिन क्या आप जानते है कि आखिर यज्ञ और हवन में क्या अंतर होता है और हिंदू धर्म में यज्ञ तथा हवन करवाना क्यों और कब जरूरी होता है। बहरहाल आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देना चाहते है, ताकि आप यज्ञ और और हवन का सही मतलब समझ सके। तो चलिए अब आपको इसके बारे में विस्तार से बताते है।

यज्ञ और हवन में क्या अंतर होता है :

यज्ञ और हवन में अंतर
यज्ञ : यज्ञ, कर्मकांड की विधि है जो परमात्मा द्वारा ही हृदय में सम्पन्न होती है। जीव के अपने सत्य परिचय जो परमात्मा का अभिन्न ज्ञान और अनुभव है, यज्ञ की पूर्णता है। यह शुद्ध होने की क्रिया है। इसका संबंध अग्नि से प्रतीक रूप में किया जाता है।

हवन : भारतीय परंपरा अथवा हिंदू धर्म में शुद्धीकरण का एक कर्मकांड है। कुण्ड में अग्नि के माध्यम से ईश्वर की उपासना करने की प्रक्रिया को हवन कहते हैं। हवि, हव्य अथवा हविष्य वह पदार्थ हैं जिनकी अग्नि में आहुति दी जाती है (जो अग्नि में डाले जाते हैं)। हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित करने के पश्चात इस पवित्र अग्नि में फल, शहद, घी, काष्ठ इत्यादि पदार्थों की आहुति प्रमुख होती है। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए भारत देश में विद्वान लोग यज्ञ या हवन किया करते थे।

अगर हम हिंदू धर्म के इतिहास की बात करे तो मनोकामनाओं की पूर्ति और किसी बुरी घटना को टालने के लिए यज्ञ करवाएं जाते है। जी हां यज्ञ करवाने का चलन रामायण और महाभारत के समय से चला आ रहा है। ऐसा कहा जाता है कि यज्ञ और हवन करवाने से शुभदायक फल मिलता है और सभी बलाएं टल जाती है। इसके इलावा हिंदू मान्यताओं के अनुसार हवन को यज्ञ का ही एक छोटा सा रूप माना जाता है और पूजा करने के बाद अग्नि में दी जाने वाली आहुति को हवन कहा जाता है। इसके साथ ही किसी खास उद्देश्य से देवताओं को दी गई आहुति भी यज्ञ कहलाती है।

हिन्दू धर्म में यज्ञ और हवन का है अलग अलग महत्त्व :

वैसे हिंदू धर्म के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि यज्ञ में देवता, आहुति, वेद मंत्र, ऋत्विक और दक्षिणा काम का होना बहुत जरूरी होता है। वही दूसरी तरफ हवन कुंड में अग्नि के द्वारा देवताओं को भोजन पहुंचाने की प्रक्रिया जरूरी मानी जाती है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि हिंदू धर्म के अनुसार हवन को शुद्धिकरण का एक कर्मकांड माना जाता है, जब कि यज्ञ किसी उद्देश्य या मनोकामना की पूर्ति के लिए और किसी बड़ी घटना को टालने के लिए किया जाता है।

आखिर यज्ञ और हवन क्यों किए जाते है :

यज्ञ और हवन में अंतर

इसके इलावा ऐसा माना जाता है कि हवन करने से आसपास होने वाली बुरी आत्माओं के प्रभाव को खत्म किया जा सकता है। हालांकि यज्ञ काफी बड़े पैमाने पर कुछ खास उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है। बहरहाल अब तो आप समझ गए होंगे कि आखिर यज्ञ और हवन में क्या अंतर होता है और इन दोनों का अपना अलग अलग महत्व होता है। हम उम्मीद करते है कि आपको ये जानकारी जरूर पसंद आई होगी, इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा।

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