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भारत में क्रिप्टो करेंसी को कब मिलेगी मंजूरी और यह भारत के लिए कितना फायदेमंद होगा, जानिए विस्तार से

गौरतलब है कि भारत में क्रिप्टो करेंसी को लेकर वित्त मंत्रालय की स्टैंडिंग कमेटी की एक खास बैठक रखी गई थी। ऐसे में अगर खबरों की माने तो इस बैठक में मौजूद अधिकतर सदस्य क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगाने के पक्ष में नहीं है और ज्यादातर लोग इसे रेगुलेट करने के समर्थन में है। इसके साथ ही बैठक में मौजूद कुछ सांसदों ने क्रिप्टो करेंसी के लंबे लंबे विज्ञापनों को लेकर भी चिंता व्यक्त की है। यही वजह है कि अब हर कोई ये बात सोच रहा है कि क्या भारत में क्रिप्टो करेंसी को मिलेगी मंजूरी और अगर ऐसा हुआ तो सब लोग इसके पक्ष में होंगे।

भारत में क्रिप्टो करेंसी को मंजूरी मिलने के बाद होगा कितना फायदा :

दरअसल क्रिप्टो करेंसी को लेकर कल संसदीय समिति में पहली बैठक रखी गई थी और अगर सूत्रों की माने तो ज्यादातर मत क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह रोक लगाने के पक्ष में नहीं थे। जी हां इस बैठक में क्रिप्टो करेंसी से जुड़े कई प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था और इस दौरान संसद सदस्यों ने निवेशकों के हितों की रक्षा को लेकर भी जताई थी।

इसके साथ ही अखबारों में क्रिप्टो करेंसी को बढ़ावा देने को लेकर विज्ञापनों पर सवाल भी उठाए गए थे। दरअसल इसमें इन्वेस्टमेंट करने को लेकर तरह तरह के आकर्षक विज्ञापन दिखाए जाते है और शनिवार को पीएम मोदी ने भी कई मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ इसे लेकर लंबी बैठक की थी। चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते है।

क्रिप्टो करेंसी के विज्ञापन को लेकर चिंतित है भारत सरकार :

बता दे कि क्रिप्टो करेंसी को लेकर निवेश के कई आकर्षक विज्ञापन लगातार प्रकाशित किए जा रहे है तथा इस निवेश से लोगों के बड़ा लाभ होने का लालच दिया जा रहा है। यहां तक कि इन विज्ञापनों में दस करोड़ भारतीयों के निवेश करने का दावा किया जा रहा है और भारत में छः लाख करोड़ रुपए के पूंजी निवेश का भी दावा किया जा रहा है।

गौरतलब है कि क्रिप्टो करेंसी में निवेश रेगुलेटेड नहीं है और भारत सरकार का निवेश पर कोई नियन्त्रण नहीं है। इसके साथ ही ड्रग्स बिजनेस, टेरर फंडिंग में इसके इस्तेमाल होने का खतरा भी है, जिससे देश की पूंजी को मनी लॉन्ड्रिंग का खतरा है।

इस वजह से की गई थी बैठक :

वही अगर भारत सरकार द्वारा की गई बैठक की बात करे तो ऐसा माना जा रहा है कि शीतकालीन सत्र तक फैसला हो जायेगा और एक अनुमान के अनुसार क्रिप्टो करेंसी का कारोबार करीब बारह खरब अमेरिकी डॉलर का है और इसमें भी दो क्रिप्टो करेंसी एथेरियम पांच सौ पचास अरब डॉलर तथा डॉजक्वाइन चौंतीस अरब डॉलर का बिजनेस कर रही है।

यहां गौर करने वाली बात ये है कि दुनिया के कई देशों में इसे लेकर ट्रेडिंग हो रही है और भारत में अभी ट्रेडिंग को लेकर मंजूरी मिली हुई है तो ऐसे में ये जरूरी है कि अब क्रिप्टो करेंसी को भारत में भी रेग्यूलेट किया जाएं। इसके इलावा हर्ष रूंगटा सहित कई फाइनेंशियल प्लानर यानि इस इकॉनमी के जानकारों का मानना है कि जब तक क्रिप्टो रेगूलेट नहीं होती, तब तक इसमें पैसा नहीं लगाना चाहिए। फिलहाल ये देखना दिलचस्प होगा कि भारत में क्रिप्टो करेंसी को मंजूरी कब मिलेगी और यह भारत के लिए कितना फायदेमंद होगा।

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