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ऑटो वाले की ईमानदारी ने जीता सब का दिल, गहनों से भरा बैग वापिस कर दिया महिला को

वर्तमान समय में ईमानदारी शब्द महज एक मजाक बन कर रह गया है। जी हां तभी तो जब किसी व्यक्ति को अपना काम निकलवाना होता है, तब वे ईमानदारी का रास्ता चुनने की बजाय भृष्टाचार का रास्ता ही चुनता है। मगर आज हम एक ऐसे ऑटो वाले के बारे में बात करने जा रहे है जिसने ईमानदारी की एक नयी मिसाल कायम की है। गौरतलब है कि इस ऑटो वाले की ईमानदारी ने न केवल सब का दिल जीत लिया है बल्कि सब की ऑंखें भी खोल दी है।

छह लाख के गहनों से भरा बैग ऑटो में भूल गई महिला :

ऑटो वाले की ईमानदारी

दरअसल बात ये है कि एक महिला गहनों से भरा हुआ बैग लेकर इस ऑटो वाले की ऑटो में सफर कर रही थी, लेकिन ऑटो से उतरने के बाद वह महिला अपना बैग उसी ऑटो में भूल गई। आपको जान कर हैरानी होगी कि बैग में करीब छह लाख के गहने थे, लेकिन इसके बावजूद भी उस ऑटो वाले की नियत खराब नहीं हुई। यानि ऑटो वाले को जैसे ही उस बैग के बारे में पता चला, वैसे ही उसने बैग महिला को वापिस कर दिया। बता दे कि इस महिला का नाम विजयलक्ष्मी है। जो टैनाम्पेट के कामराजार स्ट्रीट से शादी का कार्यक्रम अटेंड करने के लिए शालिग्राम गई थी। इस दौरान विजयलक्ष्मी को लगा कि सोने के इतने सारे गहने पहन कर सफर करना ठीक नहीं होगा। इसलिए उन्होंने सारे गहने एक बैग में सुरक्षित रख लिए।

ऑटो वाले ने दिखाई ईमानदारी :

इसके इलावा उस ऑटो वाले का नाम उदय कुमार है। बता दे कि विजयलक्ष्मी ने शाम को करीब छह बजे टी नगर के रामनाथ स्ट्रीट से ऑटो लिया था। हालांकि जब वह अपनी मंजिल तक पहुंची तो वहां पहुँचने के बाद ऑटो से उतर गई और अपना बैग ऑटो में ही भूल गई। इसके बाद विजयलक्ष्मी ने पुलिस में शिकायत की और पुलिस को पूरी बात बताई। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि विजयलक्ष्मी के पास न तो ऑटो का नंबर था और न ही ऑटो चलाने वाले का फोन नंबर था। वो इसलिए क्यूकि विजयलक्ष्मी ने ऑटो किसी एप से बुक नहीं करवाया था। वही दूसरी तरफ जब उदय कुमार की नजर उस बैग पर पड़ी, तब वह समझ गए कि उस बैग उस महिला की ही है।

ऑटो वाले ने बताई पूरी सच्चाई :

ऑटो वाले की ईमानदारी

इसके बाद उदय कुमार फ़ौरन उस मैरिज हॉल में पहुँच गए, जहाँ उन्होंने उस महिला को उतारा था। मगर तब तक विजयलक्ष्मी पुलिस में शिकायत दर्ज करवा चुकी थी, जिसके कारण उदय कुमार ऑटो वाले को पुलिस स्टेशन जाना पड़ा। हालांकि पुलिस स्टेशन में उदय कुमार ने उस महिला को आधिकारिक रूप से उनका बैग दे दिया। इसके साथ ही पुलिस द्वारा पूछताछ करने के बाद उदय कुमार ने बताया कि वह हर यात्री के उतरने के बाद अपना ऑटो जरूर देखते है। दरअसल विजयलक्ष्मी ने अपना गहनों से भरा बैग काफी कोने में रखा था। जिसके कारण उनकी नजर बैग पर नहीं पड़ी और वह उस बैग को ऑटो में ही भूल गई। फ़िलहाल तो ऑटो वाले की ईमानदारी देखने के बाद पुलिस को भी उस पर बेहद गर्व हो रहा था।

दोस्तों इस घटना से ये सीख मिलती है कि जिस ऑटो में सफर करे पहले तो उस ऑटो का नंबर जरूर नोट कर ले और दूसरी बात ये कि हर किसी की ईमानदारी को एक नजर से न आंके।

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