Aanchal Gangwal : मध्य प्रदेश के नीमच में चाय की छोटी-सी दुकान चलाने वाले की 26 वर्षीय बेटी आंचल गंगवाल वायुसेना में लड़ाकू विमान की पायलट बन गई हैं। हैदराबाद में आयोजित दीक्षा समारोह में आंचल का सम्मान हुआ। आंचल समेत अन्य प्रशिक्षणार्थियों को एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने देश सेवा के लिए समर्पित किया। बेटी की इस उपलब्धि से पिता सहित स्वजनों में खुशी है। आंचल गंगवाल ने फ्लाइंग ऑफिसर बनकर परिवार के साथ साथ पूरे मध्यप्रदेश का मान बढ़ाया है। आंचल गंगवाल बचपन से ही एयरफोर्स में जाना चाहती थी और अपने माता-पिता को इस बारे में पहले ही बता चुकी थीं। इसके लिए उन्होंने दो सरकारी नौकरी तक छोड़ दी थी।
Aanchal Gangwal Success Story
आंचल के पिता सुरेश गंगवाल नीमच के बस स्टैंड पर छोटी-सी चाय की दुकान चलाते हैं। आंचल ने एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट में वर्ष 2018 में सफलता हासिल की थी। जून 2018 में वह लड़ाकू विमान के पायलट के प्रशिक्षण के लिए हैदराबाद रवाना हुई थीं। पिता ने चाय की दुकान चलाने के बावजूद बेटी के सपनों को उड़ान दी। आंचल के परिवार में पिता के अलावा मां बबिता, भाई चंद्रेश (इंदौर में इलेक्टि्रकल इंजीनियर) व बहन दिव्यानी (वॉलीबॉल खिलाड़ी) हैं। गंगवाल परिवार मूल रूप से नीमच जिले के जावद विकासखंड के गांव तारापुर-उम्मेदपुरा का रहने वाला है।
2013 की घटना से मिली प्रेरणा :
2013 की एक घटना से आंचल को वायुसेना में जाने की प्रेरणा मिली। जैसा की आपको याद होगा की 2013 में उत्तराखंड में विनाशकारी बाढ़ आई थी। इस दौरान भारतीय वायुसेना ने बचाव अभियान के तहत बेहतरीन योगदान दिया था। वायु सेना के इस सराहनीय कार्य को देखकर ही उन्हें वायु सेना में जाने की प्रेरणा मिली। उस समय आंचल 12वीं कक्षा में अध्ययनरत थीं।
सफलता की कहानी :
अप्रैल 2017: पुलिस विभाग में उप-निरीक्षक के रूप में चयनित हुई। इस पद से अगस्त 2017 में त्यागपत्र दे दिया।
अगस्त 2017 : आंचल का चयन श्रम निरीक्षक के रूप में हुआ। वह मंदसौर में बतौर श्रम निरीक्षक कई महीनों तक पदस्थ रहीं।
जून 2018 से जून 2020 तक : एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट में सफलता हासिल की। चयनित होने वाली मध्यप्रदेश की एकमात्र युवती थीं।
मुख्यमंत्री शिवराज ने भी किया ट्वीट :
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘रौशन थी धरती तुझसे, अब रौशन होगा आसमां भी। दुआओं पर परवाज करो, रौशन कर दो जहां भी। अंधेरों को चीरकर फिर एक बेटी ‘आंचल’ ने रच दिया है इतिहास। ऐसे ही बढ़ती रहें बेटियां, यही तो हैं हम सबका गौरव और अभिमान भी। बेटी आंचल को स्नेह और आशीर्वाद। माता-पिता को बहुत-बहुत बधाई।
बेटी ने किया पिता का सपना पूरा : Aanchal Gangwal Success Story
सुरेश गंगवाल ने बताया कि ‘मेरी बेटी ने मेरा सपना पूरा किया है। हमारी आर्थिक स्तिथि बेहद कमजोर थी लेकिन फिर भी मेरी बेटी ने हिम्मत नहीं हारी और आज ये मुकाम अपनी मेहनत के बल पर प्राप्त किया।