इन गलतियों के कारण लगता है कुंडली में कालसर्प दोष, जानिए विस्तार से
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में स्थित काल सर्प दोष को बेहद अशुभ माना जाता है। राहु और केतु से निर्मित होने वाला ये दोष बहुत ही खराब होता है। ऐसी मान्यता है कि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उसके जीवन में हर छोटी-छोटी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसा कहा जाता है कि जिस भी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष बनता है, उसे जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। व्यक्ति को कभी परेशानियों से छुटकारा नहीं मिल पाता है। उसके जीवन में हमेशा कोई न कोई समस्या रहती ही है। अब ऐसे में अगर आपकी भी किन कारणों से व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष बनता है।
दूध के अनादर से लगता है कालसर्प दोष :
दूध को हिन्दू धर्म में अत्यंत शुद्ध और पवित्र माना जाता है। दूध का दान और सेवन करना पुण्य का कार्य माना जाता है। दूध का अनादर, जैसे कि इसे जमीन पर गिराना, पैरों से छूना, या अपवित्र स्थानों पर रखना, निश्चित रूप से पाप माना जाता है। साथ ही दूध का अनादर करने से व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष बनता है। जिससे व्यक्ति को जीवन में हमेशा कोई न कोई समस्याएं झेलनी पड़ सकती है और जातक को मेहनत करने के बाद भी सफलता की प्राप्ति नहीं होती है। इसलिए दूध का अनादर भूलकर भी न करें।
बेवजह सांप को परेशान करना :
हिंदू धर्म में सांप को पूजनीय माना गया है। कई बार ऐसा होता है कि कुछ लोग बेवजह सांप को परेशान करता है। इससे व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष लगता है और व्यक्ति को जीवन में अशुभ परिणाम मिलते हैं। इसलिए भूलकर भी सांप को परेशान न करें।
कुंडली में राहु और केतु का नीच भाव होना :
ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में स्थित राहु और केतु का दशा और दिशा के नीच भाव में होने से कालसर्प दोष लगता है। जिससे छुटकारा पाने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए। इसे करने से व्यक्ति को कालसर्प दोष से छुटकारा मिल सकता है। बता दें, कालसर्प दोष के लिए विभिन्न रत्नों को धारण करने की सलाह दी जाती है, जैसे कि पन्ना, गोमेद, लाहसुनिया आदि। नियमित रूप से दान-पुण्य करना चाहिए। राहु-केतु के शांति के लिए मंत्रों का जाप करना चाहिए। कालसर्प दोष निवारण के लिए विशेष पूजा-अर्चना करने से लाभ हो सकता है।
काल सर्प दोष के लक्षण :
कुंडली में कालसर्प दोष हो तो जातक को कई तरह के कष्टों का सामना करना पड़ता है। कालसर्प दोष होने पर व्यक्ति शारीरिक और आर्थिक रूप से हमेशा परेशान रहता है। कुछ जातकों को इस दोष की वजह से संतान संबंधी कष्ट भी उठाने पड़ते हैं। मतलब या तो वो संतानहीन रहता है या फिर संतान रोगी होती है। कालसर्प दोष होने पर जातक की नौकरी भी बार-बार छूटती रहती है और उसे कई कर्ज भी लेना पड़ जाता है। कुंडली में काल सर्प योग तो ज्योतिष की सलाह से इसका निवारण करना चाहिए।
कालसर्प दोष निवारण पूजा :
ज्योतिष शास्त्र में काल सर्प दोष दूर करने के कई आसान उपाय बताए गए हैं। पति-पत्नी के बीच के बीच में हमेशा क्लेश रहता हो, तो आप मोरपंख वाला मुकुट धारण किए भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को अपने घर में स्थापित करे। हर दिन उनकी पूजा-अर्चना करें साथ ही ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय या ऊँ नमो वासुदेवाय कृष्णाय नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। नियमित रूप से ऐसा करने से कालसर्प दोष की शांति होगी।