अध्यात्मधर्म-कर्म

इंद्र देव के श्राप की वजह से हर महीने महिलाएं भोगती है यह पीड़ा

नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका हमारे इस वेब पोर्टल में जहा आपको मिलती है देश दुनिया और धर्म से जुडी हर एक खबर सबसे पहले, जैसा के हम जानते है की आज के इस आधुनिक युग में हर इंसान यह कहता है कि पुरुषों के बराबर महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर चलती है और लोग भी महिलाओं का सम्मान करते है लेकिन यह कुछ हद तक सही नहीं है, बल्कि लोग महिलाओं को कुछ समय के लिए अपने से अलग रखे देते है. यह बात आज के समाय में बिलकुल ही सटीक है।

आज हम बात कर रहे है महिलाओं की मासिक धर्म यानिकी पीरियड की जो महिलाओं को हर महीने की पीड़ा भोगनी पड़ती है. महिलाओं की मासिक धर्म की वजह से इन दिनों में इन्हें कुछ अलग ही नजर से देखते है और तो लोग इन कुछ समय के लिए बेहद अछूत मानते है।

यहां तक की इन दिनों में महिलाओं को घर की खाने-पिने की चीजों को छूने नहीं देते है. इसका कारण यह है की लोग मासिक धर्म के दिनों में बेहद अशुद्ध मानते है, लेकिन कभी आपने इस बात पर गौर किया कि महिलाओं को पीरियड की समस्या क्यों होती है..? आज हम इस सवाल का जबाव बताने वाले है तो देर किस बात की आइये जानते है क्या इसका रहस्य।

देवो के राजा इंद्रदेव की कहानी :

महिलाओं की मासिक धर्म की समस्या की भी कहानी है दरअसल, एक बार ‘गुरु बृहस्पति’, इंद्र देव से बहुत नाराज हो गए थे. इस दौरान देवलोक पर असुरों ने हमला कर दिया और इसी कारण से इंद्र देव को इन्द्रलोक छोड़कर जाना पड़ा। फिर इंद्रदेव अपने अपने लोक बचाने के उद्देश्य से भगवान ब्रह्मा जी के पास गए. इंद्र की यह समस्या सुनकर भगवान ब्रह्मा जी ने इसका हल निकालने उपाय बताया. ब्रह्मा जी कहा कि इंद्र को एक ब्रह्म ज्ञानी की आंतरिक भावना से सेवा करनी चाहिए. और उन्होंने कहा की यदि इस सेवा से वह प्रसन्न हो गए तो अपनी गद्दी वापस हासिल हो जाएगी।

इस वजह से गलती से इंद्र देव ने कर दी असुरों की सेवा :

असुरों के लिए ज्यादा संबंध रखने वाली ज्ञानी, इंद्रदेव की ओर से जो सेवा की गई वह देवताओं की बजाय असुरो को अर्पित हो गई लेकिन जब इसकी जानकारी इंद्र को पता लगी तो इन्द्रदेव ने ज्ञानी को मृत्यु दंड दे दिया। इस कारण से इंद्रदेव को ब्रह्म हत्या पाप लग गया था. इससे बचने के उद्देश्य से इंद्रदेव एक वर्ष तक फूल की कली में छिपे रहे. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने इन्द्रदेव को बचा लिया और इसका एक हल निकाला। भगवान विष्णु ने इस पाप से छुटकारा देने के लिए इंद्रदेव को कहा कि इंद्रदेव को पेड़, भूमि, जल और स्त्री में अपना थोड़ा-थोड़ा पाप बाँटना था, साथ ही उन्हें एक वरदान भी देना था।

महिलाओं को पाप के रूप में मिला मासिक धर्म :

इन्द्रदेव के पाप से छुटकारा पाने के लिए हर महिला मासिक धर्म की पीड़ा भोगनी पड़ती है। इसके बदले इंद्रदेव को भी यह वरदान मिला कि पुरुषों की तुलना में महिलाएँ काम का आनंद ज्यादा अच्छी तरह ले पाएँगी। इसी कारण से महिलाओं को हर महीनें यह पीड़ा उठानी पड़ती है।

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