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आज स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी की विपक्ष पर तीखी पॉलिटिकल स्ट्राइक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लाल किले से अपनी स्पीच में बिना नाम लिए ही विपक्ष को निशाने पर लिया। परिवारवाद-भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण की नीतियों पर तो जमकर हमला किया। महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर भी जवाब दिया। महिलाओं और पिछड़ा वर्ग के लिए योजनाओं की चर्चा करके 2024 की जमीन मजबूत की।

लाल किले से पीएम मोदी ने परिवारवाद का किया जिक्र :

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 अगस्त को ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की 81वीं सालगिरह पर वीडियो संदेश जारी कर तीन बातों का आह्वान किया था। उन्होंने परिवारवाद भारत छोड़ो, तुष्टिकरण भारत छोड़ो, भ्रष्टाचार भारत छोड़ो का नारा देते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। अंग्रेजों के खिलाफ शुरू किए आंदोलन को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि भारत अब भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण पर एक स्वर में बोल रहा है।

पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में देश के लिए सबसे 3 बुराइयों का जिक्र किया. उन्होंने भ्रष्टाचार-परिवारवाद और तुष्टीकरण के खिलाफ देशवासियों से लड़ने की अपील की. उन्होंने कहा कि ये ऐसी चीजें हैं, जो हमारे देश के लोगों की आकांक्षाओं पर सवालिया निशान खड़े करती हैं. हमें भ्रष्टाचार की लड़ाई को आगे बढ़ाना है। पीएम मोदी ने कहा, भ्रष्टाचार और परिवारवाद ने देश को जकड़कर रखा है। आज देश में ऐसी विकृति आई है। भारतीय जनता पार्टी को आगामी चुनावों में इन्ही पार्टियों से वर्चस्व की जंग लड़नी है।

पीएम मोदी ने कहा, विकास का सबसे बड़ा दुश्मन है तुष्टीकरण। तुष्टीकरण ने समाजिक न्याय का नुकसान किया है। पीएम ने तुष्टीकरण पर हल्ला बोलकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर सीधा हमला किया है। आजादी के बाद से एक विशेष समुदाय को अधिक महत्व देने का आरोप बीजेपी लगाती रही है। जनसंघ के जमाने से ही पार्टी का जोर तुष्टीकरण वाली नीतियों का जमकर विरोध करना रहा है. पीएम ने एक बार फिर लाल किले की प्राचीर से ये संदेश दिया है कि तुष्टीकरण किस तरह देश और समाज के लिए घातक है।

अपने टार्गेट वोटर्स ओबीसी और महिलाओं के लिए योजनाओं की घोषणा :

भारतीय जनता पार्टी को चुनाव दर चुनावों में मिलने वाली सफलता का सबसे बड़ा कारण महिलाओं और ओबीसी तबके के वोट को जाता रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इन दोनों तबके के लिए योजनाओं की चर्चा करके विपक्ष को यह संदेश दे दिया है कि आगामी चुनावों में भी इनका वोट बीजेपी को ही मिलने वाला है। पीएम ने आने वाले समय में विश्वकर्मा जयंती पर 13 से 15 हजार करोड़ रुपये की योजना शुरू करने की बात की है। हालांकि इस योजना के बारे में संक्षिप्त जानकारी पहले भी मिल चुकी है पर जिस तरह उन्होंने परंपरागत स्किल वाली जातियों के नाम सुनार-लुहार-राजमिस्त्री-कपड़ा धोने वाले-बाल काटने वाले भाइयों की चर्चा की उसका सीधा असर पड़ने से कोई इनकार नहीं कर सकता है।

रानी दुर्गावती और मीराबाई की चर्चा :

पीएम ने अपनी स्पीच की शुरुआत में ही रानी दुर्गावती के 500 जयंती और मीराबाई की 525 वीं जयंती की चर्चा कर अपने इरादे जता दिए थे। मध्यप्रदेश और छ्त्तीसगढ़ के चुनावों में रानी दुर्गावती कितनी महत्वपूर्ण हो गई हैं ये पिछले दिनों कांग्रेस और बीजेपी के राजनीतिक कार्यक्रमों की लिस्ट देखकर लगाया जा सकता है। एक आदिवासी नेत्री और एक राजपूत नेत्री का नाम लेकर पीएम ने इन समुदायों को साधने का प्रयास किया है।

महंगाई और बेरोजगारी पर विपक्ष को दिया तगड़ा जवाब :

पीएम मोदी ने अपनी स्पीच में साबित किया कि उनके कार्यकाल में कोरोना की विपत्ति के बावजूद महंगाई पर नियंत्रण रखने की भरसक कोशिश हुई है। पीएम मोदी ने कहा कि 5 साल में साढ़े तेरह करोड़ गरीब भाई बहन नियो मिडिल क्लास में आए हैं।  प्रधानमंत्री ने कहा कि मुद्रा योजना 20 लाख करोड़ रुपये युवाओं को अपने कारोबार के लिए दिए हैं. इस योजना के चलते 8 करोड़ लोगों ने अपना कारोबार शुरू किया है।  हर कारोबार ने 1-2 लोगों को रोजगार दिया है. आज मेरे युवाओं ने दुनिया में तीन पहले स्टार्टअप इकोसिस्टम में स्थान दिला दिया है। भारत ने जो कमाल किया है, वो दिल्ली-मुंबई चेन्नई तक सीमित नहीं है. टियर 2 और टियर 3 सिटी के नौजवान भी भाग्य गढ़ रहे हैं।

हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का अलख :

पीएम मोदी ने अपनी स्पीच की शुरुआत में 1000 साल की गुलामी की चर्चा की .उन्होंने कहा कि हजारों साल पहले किसी ने भारत के एक छोटे राजा पर आक्रमण किया और उसका नुकसान पूरे देश पर हुआ और उसका प्रभाव एक हजार साल तक देश पर रहा. उन्होंने कहा कि आज हम देश के अमृतकाल में जो मेहनत , तपस्या करेंगे, जो फैसले करेंगे, जो कदम उठाएंगे उनका असर आगामी 1000 साल तक होने वाला है.देश का स्वर्णिम इतिहास अंकुरित होने वाला है. पीएम ने बिना आक्रमणकारियों और पीड़ित राजा का नाम लिए ही हिंदुत्व और राष्ट्रवाद की अलख जगाई.

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