![](https://www.indiannewsroom.com/wp-content/uploads/2022/09/20220910_150649.jpg)
चलती ट्रेन में ड्राइवर को नींद लग जाए तो क्या होगा, रेलवे का ये सिस्टम नहीं जानते होंगे आप लोग
वैसे तो आपने कई बार सड़क दुर्घटना के बारे में सुना होगा और आमतौर पर सड़क दुर्घटना कई कारणों से हो सकती है। जैसे कि अचानक ड्राइवर को नींद का झोंका आ जाना या ड्राइव करते करते मोबाइल पर बात करना और ट्रैफिक नियमों का पालन न करना आदि कई कारण हो सकते है। ऐसे में आज हम आपको रेलवे के सिस्टम के बारे में बताना चाहते है। जी हां रेलवे का ये सिस्टम शायद बहुत से लोग नहीं जानते होंगे और इसलिए आज हम आपको इसके बारे में बताना चाहते है। बता दे कि भारतीय रेल दुनिया का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है और पूरी ट्रेन एक इंजन द्वारा कंट्रोल होती है। जिसे लोको पायलट कहा जाता है।
![](https://www.indiannewsroom.com/wp-content/uploads/2022/09/indian-railways7666113234538082049.jpg)
रेलवे का ये सिस्टम नहीं जानते होंगे कई लोग :
अब ये तो आपको पता ही होगा कि ट्रेन में एक साथ कितने सारे यात्री सफर करते है और ऐसे में अगर ड्राइवर की आंख लग जाएं तो बहुत बड़ा हादसा हो सकता है। बहरहाल इससे बचने के लिए अब एक तरकीब निकाली गई है। जी हां ट्रेन में ड्राइवर के इलावा एक असिस्टेंट ड्राइवर भी होता है और ऐसे में अगर एक ड्राइवर सो जाता है या फिर उसे कोई दिक्कत होती है तो असिस्टेंट ड्राइवर उसे जगा देता है। हालांकि अगर कोई गंभीर परेशानी हो तो अगले स्टेशन पर इस की सूचना दी जा सकती है और ट्रेन को रोका जा सकता है। जिसके बाद स्टेशन से ट्रेन में नया ड्राइवर दिया जाता है।
![](https://www.indiannewsroom.com/wp-content/uploads/2022/09/rail-sixteen_nine3669885267504952867.jpg)
रेल दुर्घटना को लेकर रखा जाता है कई सुरक्षा नियमों का ध्यान :
गौरतलब है कि अगर कभी दोनों ड्राइवर सो जाएं तो ऐसी स्थिति में भी डरने की जरूरत नहीं है। हालांकि ये होने की संभावना तो कम ही होती है, लेकिन फिर भी रेलवे ने इसके लिए ट्रेन के इंजन में विजीलेंस कंट्रोल डिवाइस लगा रखा है। जी हां ये डिवाइस इस बात का ध्यान रखता है कि अगर ड्राइवर ने एक मिनट तक कोई प्रतिक्रिया नहीं की, तो 17 सेकंड के अंदर एक ऑडियो विजुअल इंडीकेशन आता है। ऐसे में ड्राइवर को इसे बटन दबा कर स्वीकार करना होता है। ऐसी स्थिति में अगर ड्राइवर इस इंडीकेशन का जवाब नहीं देता है तो 17 सेकंड के बाद ऑटोमैटिक ब्रेक लगना शुरू हो जाता है।
![](https://www.indiannewsroom.com/wp-content/uploads/2022/09/indian-railways3750670378526144398-1024x576.jpg)
रेलवे कर्मचारी रखते है हर बात का ध्यान :
बता दे कि रेल चालक को ट्रेन चलाने के दौरान बार बार स्पीड को कम ज्यादा और हॉर्न को बजाना पड़ता है। अब यूं तो रेल चालक हर समय ड्यूटी पर सक्रिय रहता है, लेकिन अगर वो एक मिनट तक रिस्पॉन्स नहीं करता है तो रेलवे ये ऑडियो विजुअल इंडीकेशन भेजता है। ऐसे में अगर ड्राइवर की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती तो एक किलोमीटर की दूरी पर जा कर ट्रेन थम जाती है। तब ट्रेन में मौजूद अन्य रेलवे कर्मचारी पूरे मामले का संज्ञान लेते है। जिससे रेलवे के कारण होने वाले बड़े हादसों को रोका जा सकता है। बहरहाल अब तो आप समझ गए होंगे कि आखिर रेलवे का ये सिस्टम कैसे काम करता है और कैसे इससे सड़क दुर्घटना होने से रोकी जा सकती है।