स्वास्थ्य

लकवा, धनुर्वात, पक्षाघात में रामबाण है डाबर वृहट वटचिंतामणि रस, जानिए इसके फायदे और लेने का सही तरीका

वृहत् वात चिंतामणि रस के फायदे : बता दे कि यह एक आयुर्वेदिक दवा है। जी हां इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से लकवा का इलाज करने के लिए किया जाता है और इसके इलावा यह कई दूसरी समस्याओं से निजात पाने में भी सहायता करती है। बहरहाल हम यहां जिस दवा की बात कर रहे है, उसका नाम डाबर वृहट वटचिंतामणि रस टैबलेट है, जो कई गुणों से भरपूर है। इस टैबलेट के मुख्य घटक स्वर्ण भसमा, रजत भस्म, मोती, अभ्रक भस्म आदि है, जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में हम आपको विस्तार से बताना चाहते है। तो चलिए डाबर वृहट वटचिंतामणि रस के बारे में विस्तार सहित बात करते है।

वृहत् वात चिंतामणि रस के फायदे

डाबर वृहट वटचिंतामणि रस टैबलेट के लाभ और नुकसान :

स्वर्ण भसमा : बता दे कि इसमें ऐसे एजेंट्स है जो डिप्रेशन के लक्षणों से राहत दिलाते है और ऐसे पदार्थ है जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य को उत्तेजित करके या कम करके उसे ठीक करते है। इसके इलावा इसमें वे दवाएं है जो उत्तेजित नसों को शांत करने के लिए तांत्रिक तंत्र को उत्तेजित करती है और साथ ही ये कई प्रकार के मनोरोगों का इलाज करने में भी मदद करती है।

रजत भस्म : अब अगर हम इस घटक की बात करे तो इसका इस्तेमाल मिर्गी के दौरों को कम करने और उसे रोकने तथा मिर्गी का इलाज करने के लिए किया जाता है।

मोती : बता दे कि इसमें मौजूद एजेंट शरीर में होमियोस्टेसिस की स्थिति को बनाएं रखने में मदद करते है तथा तनाव के दौरान शरीर के कार्यों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करते है।

अभ्रक भस्म : ये दवाएं तंत्रिका तंत्र पर अपने असर तथा उत्तेजित नसों को शांत करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। अब अगर हम इसके लाभ की बात करे तो वो कुछ इस प्रकार है। बता दे कि इससे मुख्य रूप से लकवा की समस्या दूर होती है और इसके इलावा अनिंद्रा, डिप्रेशन, चिंता तथा तनाव आदि समस्याएं भी दूर होती है।

सावधानी से करे इसका सेवन :

यहां गौर करने वाली बात ये है कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है, तो ऐसे में रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर ही डाबर वृहट टैबलेट रस देना चाहिए। गौरतलब है कि अगर आप व्यस्क है तो आपको इस टैबलेट की निर्धारित मात्रा ही लेनी चाहिए और इसे खाने के बाद ही लेना चाहिए। बहरहाल आपको ज्यादा से ज्यादा दो टैबलेट ही लेने चाहिए और इसे दूध के साथ लेना चाहिए। बता दे कि ये दवा आपको लंबे समय तक लेनी पड़ सकती है, लेकिन इसे आपको दिन में केवल दो बार ही लेना है।

वही अगर बुजुर्गों की बात करे तो उन्हें ये टैबलेट खाने के बाद ही लेनी चाहिए और दो टैबलेट ही लेने चाहिए। इसके इलावा इसे दूध के साथ लेना चाहिए और दिन में दो बार ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए। अब यूं तो इस टैबलेट के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं है, लेकिन फिर भी इसे लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर कर ले। गौरतलब है कि गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को ये दवा लेने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

हालांकि ये दवा पेट के लिए एकदम सुरक्षित मानी जाती है और बच्चे इस दवा का इस्तेमाल कर सकते है या नहीं, इस बारे में कोई जानकारी मौजूद नहीं है। इसलिए किसी भी तरह का रिस्क न ले। यहां गौर करने वाली बात ये है कि इस दवा को लेने के बाद आप ड्राइव या अन्य कार्य आसानी से कर सकते है, क्योंकि इसे लेने के बाद आपको नींद की झपकी नहीं आएगी। इसलिए ये दवा एकदम सुरक्षित है।

बता दे कि इस टैबलेट को लेने के बाद आपको इसकी आदत नहीं पड़ेगी और आपको इसका सेवन गुनगुने पानी के साथ ही करना चाहिए, क्योंकि गुनगुना पानी आपकी सेहत के लिए काफी लाभकारी है। दोस्तों क्या आप इस टैबलेट का सेवन करना पसंद करेंगे या नहीं, इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा।

Disclaimer : विभिन्स माध्यमों से संग्रहित कर ये जानकारी आप तक पहुंचाई गई हैं। Indian News Room इसके लिए जिम्मेदार नहीं है और न ही इसकी सत्यता और प्रमाणिकता का दावा करता है। कोई भी उपाय करने से पहले चिकित्सक से सलाह जरूर लें।

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