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ये है सुप्रीम कोर्ट के वे 5 जज जिन्होंने अयोध्या मामले पर सुनाया है फैसला

Ayodhaya Case Supreme Court Judges : अयोध्या राम मंदिर का फैसला कोर्ट ने सुना दिया है। जो भी राम मंदिर के लिए जमीन थी वह जमीन रामलीला के पक्ष में सौंप दी गई है, और साथ में सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है कि मस्जिद के निर्माण के लिए अलग से 5 एकड़ जमीन मुहैया करवाई जाएगी। इस ऐतिहासिक फैसले को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली 5 जजों की टीम ने सुनाया है। बीते महीने ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर अपनी सुनवाई पूरी की थी। यह सुनवाई वर्षों से चलती आ रही थी।इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने अब अंतिम रूप दे दिया है। अब फैसला रामलला के पक्ष में सुना दिया है। इस फैसले से बहुत से लोग खुश हुए है काफी दिनों से लोगों को इस फैसले का इंतजार था। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं उन पांच जजों के बारे में जिन्होंने इस मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।

Ayodhaya Case Judges

जस्टिस रंजन गोगोई : (Justice Ranjan Gogoi)

Justice Ranjan Gogoi

अयोध्या मामले के बारे में फैसला सुनाने वाले यह उन 5 जजों में से एक है। जस्टिस रंजन गोगोई का जन्म 18 नवंबर 1954 को हुआ था। जस्टिस गोगोई ने अपने कैरियर की शुरुआत गुवाहाटी हाईकोर्ट से की थी। आपको बता दें कि वे 2001 में जज बने थे। 2010 में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में दोबारा से जज बने। 3 अक्टूबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की उपाधि इनको प्राप्त हुई, और 17 नवंबर 2019 तक इस पद से सेवानिवृत्त होंगे। अयोध्या मामले के अलावा इन्होंने एआरसी मामले जैसी कई ऐतिहासिक मामलों पर सुनवाई की है।

जस्टिस शरद अरविंद बोबडे : (Justice SA Bobde)

Justice SA Bobde

जस्टिस शरद अरविंद बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। उन्होंने अपने लॉ की प्रैक्टिस बॉम्बे हाईकोर्ट नागपुर बेंच में की। साल 2000 में यह मुंबई हाई कोर्ट में एडिशनल जज के रूप में नियुक्त हुए। साल 2013 में इनको सुप्रीम कोर्ट में जज के रूप में नियुक्त किया गया था और आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे।

जस्टिस अशोक भूषण जस्टिस : (Justice Ashok Bhushan)

Justice Ashok Bhushan

अशोक भूषण का जन्म 5 जुलाई 1956 को उत्तर प्रदेश के जौनपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की और उसके बाद उत्तर प्रदेश के बार काउंसिल सन 1979 में ज्वाइन किया। ये कोर्ट में वकालत के रूप में काम कर चुके हैं। इनको 2001 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था। 2014 में केरल हाईकोर्ट के जज बने और उसके 1 साल बाद ही मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी नियुक्त कर दिया गया था। 13 मई 2016 को इनको सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था।

जस्टिस एस अब्दुल नजीर : (Justice S Abdul Nazeer)

Justice S Abdul Nazeer

अब्दुल नजीर का जन्म 5 जनवरी 1958 को कर्नाटक के गांव बेलूवई में हुआ था। इन्होंने डिग्री की शिक्षा महावीर कॉलेज से पूरी करके फिर उन्होंने एसडीएम लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। अब्दुल नजीर ने 1983 में कर्नाटक हाईकोर्ट से अपने वकालत कैरियर की शुरुआत की थी, और फिर यह आगे चलकर एडिशनल जज बने। 17 फरवरी 2017 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। हालांकि यह एक ऐसे जज हैं जिनको हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किए बिना ही सीधा सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति मिली थी।

जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ : (Justice Dhananjaya Y. Chandrachud)

Justice Dhananjaya Y. Chandrachud

जस्टिस धनंजय यशवंत का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। इनके पिता भी कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। इन्होंने अपने लॉ की डिग्री दिल्ली विश्वविद्यालय से पूरी की और उच्च स्टडी के लिए हावर्ड यूनिवर्सिटी चले गए। इन्होंने कई बड़े विश्वविद्यालयों में लेक्चरर के पद पर भी काम किया है। इन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत जूनियर वकील के रूप में की थी, और उसके बाद यह मुंबई और इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं। 13 मई 2016 को इनको सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया था। Ayodhaya Case Judges

यह भी पढ़े : अयोध्या में बनेगा राम मंदिर, जानिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 6 बड़ी बातें

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