अध्यात्म

भाई दूज पर तिलक लगाते वक्त भाई किस दिशा में बैठे, ताकि रिश्तों में बढ़े प्यार और बनी रहे पॉजिटिविटी

वास्तु शास्त्र के अनुसार सही दिशा में तिलक करने से न सिर्फ रिश्तों में मिठास बढ़ती है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि भी आती है। भाई दूज का त्योहार हर भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है। यह दिन रिश्ते की उस मिठास और अपनापन का प्रतीक है जो समय के साथ और मजबूत होता जाता है। दीवाली के कुछ दिन बाद मनाया जाने वाला यह पर्व बहनों के लिए अपने भाई की लंबी उम्र, तरक्की और खुशहाली की कामना करने का मौका होता है।  इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उसकी आरती करती हैं और स्वादिष्ट व्यंजन खिलाती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार तिलक लगाते वक्त बैठने की दिशा का भी बहुत महत्व होता है।

तिलक लगाते वक्त भाई किस दिशा में बैठे :

वास्तु शास्त्र के अनुसार, भाई को तिलक लगाते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।  उत्तर दिशा धन और अवसरों की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में तिलक करने से भाई के करियर और आर्थिक जीवन में स्थिरता आती है।  पूर्व दिशा ज्ञान, बुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा की दिशा मानी जाती है। इस दिशा की ओर मुख करके तिलक करने से रिश्तों में समझ और प्यार बढ़ता है।  अगर घर में जगह की कमी हो या दिशा को लेकर कंफ्यूजन हो, तो आप मोबाइल कम्पास से सही दिशा जान सकती हैं।

बहन को किस दिशा में बैठना चाहिए :

जब भाई उत्तर या पूर्व की ओर देख रहा हो, तो बहन को दक्षिण या पश्चिम दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए, इससे एनर्जी का संतुलन बना रहता है और तिलक विधि शुभ मानी जाती है।

तिलक में कौन-सा रंग शुभ माना गया है :

वास्तु के अनुसार, भाई दूज पर रोली (लाल रंग) से तिलक लगाना सबसे शुभ माना गया है। लाल रंग ऊर्जा, साहस और प्रेम का प्रतीक है। अगर चाहें तो थोड़ा चावल मिलाकर अक्षत तिलक भी लगा सकती हैं, यह तिलक भाई के जीवन में स्थिरता और प्रगति लाता है।

तिलक करते समय क्या बोलें :

तिलक लगाते समय मन में शुभ विचार और आशीर्वाद रखना बहुत जरूरी है। भाई की लंबी उम्र, तरक्की और सुख-शांति की प्रार्थना करें. आप मन ही मन “सौभाग्यवती भव” या “आयुष्मान भव” जैसे आशीर्वाद के शब्द बोल सकती हैं।

भाई की गोद में क्या रखना शुभ होता है :

कई घरों में तिलक करते वक्त भाई की गोद में पान का पत्ता, सुपारी या नारियल रखा जाता है। वास्तु के अनुसार, ये सभी चीजें पॉजिटिव एनर्जी का प्रतीक हैं। ये नकारात्मक शक्तियों को दूर रखती हैं और रिश्ते में मधुरता बनाए रखती हैं।

तिलक के बाद दिशा न बदलें तुरंत : 

तिलक के बाद भाई को थोड़ी देर उसी दिशा में बैठने देना चाहिए। इससे उस दिशा की पॉजिटिव एनर्जी पूरी तरह ग्रहण होती है। इसके बाद बहन भाई को मिठाई खिलाए और आरती करे।

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