मेरी कहानी

मेरी कहानी : मैं खुद को दोषी मानता हूं, कि मैंने किसी दूसरे पुरुष को अपनी पत्नी के साथ देखा, जानिए विनय की पूरी कहानी

आज हम आपको विनय नाम के एक शादीशुदा पुरुष के जीवन की कहानी से रूबरू करवाना चाहते है, जो भारतीय सेना में कार्यरत है और जिसने अपना पूरा जीवन देश की सुरक्षा के लिए समर्पित कर दिया है। जी हां विनय का कहना है कि मैं खुद को दोषी मानता हूं, जो मेरी पत्नी ने मेरे साथ ऐसा किया। आखिर विनय की पत्नी ने ऐसा क्यों किया और अपनी पत्नी का सच जानने के बाद विनय ने क्या किया, चलिए इस कहानी के बारे में विस्तार से जानते है।

मैं खुद को दोषी मानता हूं, विनय ने कहा :

गौरतलब है कि सबसे पहले विनय ने अपने जीवन के परिचय देते हुए कहा कि जब वह 6 साल के थे, तभी से उनके पिता ने उन्हें सक्रिय और मजबूत बनाने के लिए ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। वो इसलिए क्योंकि वह चाहते थे कि मैं भी उनकी तरह ही भारत माता की सेवा करूं। यही वजह है कि परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मैं सीधा भारतीय सेना में शामिल हो गया। ऐसे में मैंने अपने पूरे जीवन में सख्त अनुशासित दिनचर्या का पालन किया और यह सब मेरे लिए घुटन भरा जरूर हो गया था, लेकिन फिर भी मेरे पास अपने पिता के रास्ते पर चलने के इलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था।

इस दौरान मेरे बचपन की दोस्त नैना ही था, जिसने मुझे संभाल रखा था। बता दे कि विनय और नैना पहली बार तब मिले थे जब वे दोनों हाई स्कूल में पढ़ते थे और नैना बहुत ही सुंदर तथा चुलबुली लड़की थी। इसलिए विनय जब भी अकेलापन महसूस करता था तो नैना ही उसे संभालती थी। जी हां विनय ने कहा कि आज मैं जो भी हूं नैना की वजह से ही हूं। हालांकि वे दोनों एक दूसरे से बिलकुल अलग थे, क्योंकि विनय खुद में रहने वाला व्यक्ति था, जब कि नैना को लोगों से मिलना जुलना अच्छा लगता था।

बहरहाल अपनी इसी आदत की वजह से वह हर किसी को अपना बना लेती है और फिर जब विनय ने अपने और नैना के रिश्ते के बारे में अपने माता पिता को बताया तो सब लोग शादी के लिए राजी हो गए। जिसके बाद हम दोनों ने शादी कर ली। गौरतलब है कि विनय ने बताया कि शादी के दो हफ्ते बाद ही उसे असम के सिलचर में तैनात कर दिया गया था और ऐसे में वह शादी का आनंद तो लेना चाहता था, लेकिन अपने कर्तव्य से भी पीछे नहीं हट सकता था।

शादी और कर्तव्य दोनों की जिम्मेदारी उठा रहा था विनय :

इसके इलावा वह अपने पिता को निराश भी नहीं करना चाहता था और इसलिए वह अपना सामान पैक करके असम के लिए निकल गया। बहरहाल सिलचर में तैनात हुए विनय को कई महीने बीत गए और नैना मुझे मिलने के लिए बुलाती रही। मगर मुझे उससे मिलने का मौका ही नहीं मिला और फिर मैंने उसे खत लिखना शुरू कर दिया। हालांकि हम वीडियो कॉल पर भी बात करते थे, लेकिन फिर भी मैं उसे खत लिखता रहता था। बस ये बात अलग है कि उसने कभी मेरे भेजे हुए खतों का जवाब नहीं दिया। मगर फिर भी मैं उससे बहुत प्यार करता था।

इसके बाद विनय ने कहा कि नैना से आखिरी बार मिले मुझे करीब डेढ़ साल का समय बीत चुका था और उससे दूर रहने का दर्द हर पल मुझे सताता था। जी हां विनय ने कहा कि मैं उसके पास जाने के लिए तरस रहा था, लेकिन मुझे अपने कर्तव्य के प्रति ईमानदार भी रहना था। हालांकि डेढ़ साल और दो महीने के बाद मुझे दो हफ्ते के लिए घर वापस जाने का मौका मिला और तब मैं बहुत खुश था। वही नैना भी चेहरे पर मुस्कान लिए मेरा इंतजार कर रही थी और उसे देख कर मैं काफी खुश था।

यहां गौर करने वाली बात ये है कि पहले दो दिन तो काफी अच्छे बीते, लेकिन फिर वह काफी परेशान दिखी। हालांकि मैं उसकी परेशानी समझ नहीं पा रहा था, लेकिन फिर भी मैं अपने खुशी के पलों को खोना नहीं चाहता था। इसलिए उसे खुश करने के लिए मैं जो कुछ कर सकता था, वो सब मैंने किया। बहरहाल नैना से मिलने के बाद विनय दोबारा आठ महीने की पोस्टिंग पर लौट आया और फिर सरहदों पर उसका समय बीतता गया। इस दौरान काम की वजह से मैं खत भी कम लिखने लगा था और वीडियो कॉल पर भी ज्यादा बात नहीं होती थी।

नैना को किसी और के साथ देख कर टूट गया था उसका पति :

इसलिए जब मैं दूसरी बार घर पहुंचा तो मैंने उससे बात करने की ठान ली। मगर इस बार मैंने उसे सरप्राइज देने की सोची और उसे बिना बताएं घर पहुंच गया। ऐसे में विनय ने बताया कि मैं अपना सारा काम खत्म करके घर के लिए निकल पड़ा और जैसे ही अलीगढ़ वाले घर पहुंचा, तो मैंने देखा कि चारों तरफ कपड़े पड़े हुए थे और घर का सामान भी अस्त व्यस्त था। ऐसे में मैंने अपना बैग कोने में रखा और हाथों में फूलों का गुलदस्ता लेकर बेडरूम की तरफ बढ़ने लगा। फिर जैसे ही मैंने बेडरूम का दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि नैना किसी दूसरे पुरुष के साथ है। वे दोनों एक साथ सो रहे थे। ये सब देख कर गुलदस्ता मेरे हाथों से गिर गया और मैंने शोर मचा कर दोनों को डरा दिया।

वही नैना मुझे देख कर चौंक गई थी और जैसे ही मैं वापस मुख्य द्वार की तरफ आगे बढ़ा तो नैना ने चिल्लाते हुए कहा कि मुझे माफ कर दीजिए। इसके बाद विनय ने बताया कि नैना के धोखे ने मुझे बुरी तरह से तोड़ दिया था और मैंने उससे बात करने से भी इंकार कर दिया था। इसके बाद मैंने एक होटल में कमरा लिया और इस दौरान उसके कई कॉल्स ने मुझे परेशान कर दिया। मगर मैं ये सोच कर बुरी तरह से रो रहा था, कि मेरी पत्नी जिससे मैं इतना प्यार करता था, उसने ही मुझे धोखा दिया।

हालांकि इसके बाद मैंने उससे कॉल पर बात की और उसने बताया कि मेरे जाने के बाद वह अकेली हो गई थी और इसी वजह से उसने ऐसा किया। ऐसे में वह मुझसे माफ़ी मांग रही थी और उसकी बातों को सुन कर मैं उससे कुछ कह भी नहीं सका था। वो इसलिए क्योंकि मुझे ऐसा लगता है कि अगर मैं सेना में नहीं होता और एक सामान्य जीवन जी रहा होता तो मैं हर दिन उसके साथ रह सकता था। जी हां विनय ने कहा कि अगर मैं वहां होता तो नैना ने मुझे कभी धोखा नहीं दिया होता और इस घटना के बाद देश के लिए लड़ने का मेरा संकल्प भी कम होने लगा।

ऐसे में मैं अपनी नौकरी बदलना चाहता था, लेकिन मैं अपने पिता को निराश भी नहीं करना चाहता था। हालांकि मुझे नहीं पता कि मेरा जीवन मुझे आगे कहां तक ले जाएगा, लेकिन मैं इतना जरूर जानता हूं कि आज मैं जिस स्थिति में हूं उसके लिए मैं खुद को और नैना को आज तक माफ नहीं कर पाया हूं। दोस्तों इस कहानी के बारे में आपकी क्या राय है, ये हमें जरूर बताइएगा।

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