
क्या तनाव से महिलाओं में पीसीओडी सम्बंधित समस्याएं आती है, जानिए एक्सपर्ट्स की सलाह
आज के समय में अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान के कारण ज्यादातर महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) जैसी समस्या से परेशान रहती हैं। यह हार्मोनल विकारों में से एक है। इसके कारण महिलाओं को पीरियड्स के अनियमित होने, मुंहासे होने, बालों के झड़ने की समस्या, चेहरे पर बाल आने, वजन बढ़ने और प्रेग्नेंसी में परेशानी होने जैसी कई लक्षण दिखते हैं। इन समस्याओं से राहत के लिए अक्सर महिलाएं हेल्दी खाना खाती है और नियमित एक्सरसाइज करती हैं लेकिन इसके बावजूद अगर आप स्ट्रेस को नजरअंदाज करती हैं, तो पीसीओडी की समस्या को बढ़ावा मिल सकता है। लंबे समय तक क्रोनिक स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाओं में पीसीओडी की समस्या को बढ़ावा मिल सकता है। ऐसे में अक्सर महिलाओं को स्ट्रेस कम करने की सलाह दी जाती है।
क्रोनिक स्ट्रेस हार्मोन्स को करता है बाधित :
अधिक स्ट्रेस में रहना एक मानसिन स्थिति है, जिसके कारण महिलाओं को शारीरिक समस्याएं भी होती हैं। अधिस स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल, इंसुलिन, थायराइड, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। जिसके कारण महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं के बढ़ने, एक्ने, वजन बढ़ने और थकान होने जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कोर्टिसोल शरीर में बढ़ाता है फैट :
अधिक स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ता है, जिसके कारण महिलाओं को वजन बढ़ने लगता है और पेट के आसपास चर्बी जमा होने लगती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध और पीसीओडी के लक्षणों को और खराब हो सकते हैं। इससे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को भी बढ़ावा मिलता है।
पाचन प्रक्रिया को बाधित करता है स्ट्रेस :
पीसीओडी की समस्या में अक्सर महिलाएं पाचन से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहती हैं। ऐसे में अधिक स्ट्रेस में रहने के कारण पाचन प्रक्रिया बाधित होती है, जिसके कारण महिलाओं को कब्ज और ब्लोटिंग जैसी पाचन से जुड़ी समस्याएं और पोषक तत्वों का अवशोषण को भी बाधित होने की समस्या हो सकती है। ऐसे में बचने के लिए स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें।
स्ट्रेस में अधिक खाना :
अधिक स्ट्रेस में रहने के कारण महिलाएं अधिक खाने लगती हैं, जिसको इमोशनल इटिंग कहा जाता है। इस दौरान अक्सर महिलाओं को मीठा खाने की इच्छा होती है और भूख बढ़ जाती है, जिसके कारण शरीर में कैलोरीज के बढ़ने, इंसुलिन का स्तर बढ़ने और वजन बढ़ने की समस्या होती है, जो पीसीओडी के लक्षणों में से एक हैं।
स्ट्रेस को कम करने के उपाय :
स्ट्रेस को कम करने के लिए नियमित रूप से मेडिटेशन करें, पर्याप्त नींद लें, दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं, योग करें, एक्सरसाइज करें और हेल्दी और पोषक तत्वों से युक्त डाइट लें। इससे स्वास्थ्य को हेल्दी बनाए रखने और स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है।