
हर्बल टी से जुड़े इन मिथकों पर न करें भरोसा, जानिए सेवन से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह
आजकल लोग हेल्दी रहने के लिए तरह-तरह की चाय पीने लगे हैं, खासतौर पर हर्बल टी का क्रेज तेजी से बढ़ा है। वजन घटाना हो, डिटॉक्स करना हो या स्ट्रेस कम करना हो, लोग हर्बल टी को एक जादुई समाधान मानते हैं। लेकिन इस बढ़ती पॉपुलैरिटी के साथ-साथ कई मिथक भी सोशल मीडिया और मार्केट में फैल गए हैं, जिन पर आंख मूंदकर भरोसा करना नुकसानदायक हो सकता है। कई लोग मानते हैं कि ग्रीन टी हमेशा ब्लैक टी से बेहतर होती है, या हर हर्बल चाय वजन घटा सकती है। कुछ लोग सोचते हैं कि हर्बल टी में बिल्कुल कैफीन नहीं होता या यह आपको हाइड्रेट नहीं करती। लेकिन सच्चाई यह है कि हर चाय की अपनी खासियत और सीमाएं होती हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इन मिथकों को समझना और सच्चाई को जानना बहुत जरूरी है।
ग्रीन टी हमेशा ब्लैक टी से बेहतर होती है :
यह मानना गलत है कि ग्रीन टी हर स्थिति में ब्लैक टी से ज्यादा फायदेमंद होती है। दोनों ही चाय कैमेलिया साइनेंसिस पत्तियों से बनती हैं, लेकिन इनकी प्रोसेसिंग अलग होती है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट ज्यादा होते हैं, वहीं ब्लैक टी में थीफ्लाविन्स जैसे यौगिक, हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। आपकी हेल्थ कंडीशन और जरूरत के अनुसार, कभी-कभी ब्लैक टी ज्यादा लाभदायक हो सकती है।
हर्बल टी असली चाय होती है :
हर्बल टी, तकनीकी रूप से ‘चाय’ नहीं होती क्योंकि ये कैमेलिया साइनेंसिस पत्तियों से नहीं बनती। यह फूलों, जड़ियों, मसालों और जड़ी-बूटियों का मिश्रण होती है, जिसे ‘टी-इन्फ्यूजन’ या ‘टिसेन’ कहा जाता है। इसका मतलब यह नहीं कि हर्बल टी खराब है, बल्कि बस यह जानना जरूरी है कि यह पारंपरिक चाय से अलग है। ग्रीन टी, ब्लैक टी, व्हाइट टी, ओलोंग टी ही असली चाय मानी जाती है।
चाय पीने से शरीर डिहाइड्रेट होता है :
यह एक पुराना मिथक है कि चाय पीने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। दरअसल, सामान्य मात्रा में ली गई चाय आपके फ्लूइड इंटेक का हिस्सा बनती है। हां, अगर आप जरूरत से ज्यादा स्ट्रॉन्ग चाय पीते हैं, तो कैफीन से डिहाइड्रेशन हो सकता है, लेकिन सामान्य स्थितियों में चाय, शरीर को डिहाइड्रेट नहीं करती।
चाय पूरी तरह कैफीन फ्री होती है :
यह बात केवल कुछ प्रकार की हर्बल टी पर ही लागू होती है। ग्रीन, ब्लैक और व्हाइट टी में कैफीन होता है, हालांकि मात्रा में फर्क हो सकता है। यहां तक कि कुछ हर्बल चाय, जैसे ग्वाराना, में भी प्राकृतिक रूप से कैफीन होता है। इसलिए अगर आप कैफीन से दूर रहना चाहते हैं, तो लेबल जरूर पढ़ें।