
बच्चे के दिल को रखना है हेल्दी तो अपनाएं ये खास टिप्स
आज के समय में दिल से जुड़ी बीमारियाँ तेजी से बढ़ती जा रही हैं। जहाँ पहले हार्ट प्रॉब्लम्स ज्यादातर बुज़ुर्गों में देखने को मिलती थीं, वहीं अब बच्चों और युवाओं में भी ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याएँ आम होती जा रही हैं। ऐसे हालात में माता-पिता अपने साथ-साथ बच्चों की सेहत को लेकर भी काफी चिंतित रहते हैं। बच्चों के दिल को स्वस्थ रखना हर माता-पिता की बड़ी जिम्मेदारी है। बचपन में अपनाई गई अच्छी आदतें उनके पूरे जीवन में असर दिखाती हैं और दिल को हेल्दी बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
बच्चों के दिल की सेहत को हेल्दी कैसे रखें
पौष्टिक और संतुलित डाइट :
बच्चों के खाने में पौष्टिक और संतुलित आहार शामिल करना बेहद जरूरी है। आप उनके रोज़ के भोजन में साबुत अनाज, दालें, ड्राई फ्रूट्स, अंकुरित अनाज, दूध-दही, मौसमी फल और सब्जियाँ जरूर रखें। इसके अलावा ब्राउन राइस, चना और राजमा जैसे फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं। साथ ही कोशिश करें कि बच्चे ज्यादा तला हुआ, मसालेदार या जंक फूड न खाएँ, क्योंकि ये दिल की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।
नियमित शारीरिक गतिविधि :
दिल को स्वस्थ रखने के लिए रोज़ाना शारीरिक गतिविधियाँ करना बहुत ज़रूरी होता है। बच्चों के लिए तो यह और भी महत्वपूर्ण है। उन्हें हर दिन कम से कम 60 मिनट किसी न किसी तरह की फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। यह ज़रूरी नहीं कि वह सिर्फ एक्सरसाइज ही करें वे दौड़ सकते हैं, कूद सकते हैं, साइकिल चला सकते हैं, फुटबॉल खेल सकते हैं या कोई भी आउटडोर गेम खेल सकते हैं जो उन्हें पसंद हो।
आजकल बच्चे घर के अंदर टीवी, मोबाइल और वीडियो गेम्स पर ज़्यादा समय बिताते हैं, जिससे उनका शरीर कम सक्रिय रहता है। इसलिए कोशिश करें कि आप अपने बच्चे को बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें। खेलकूद से न सिर्फ उनका दिल मजबूत होता है, बल्कि उनका वजन कंट्रोल रहता है, हड्डियाँ मजबूत होती हैं और मानसिक सेहत भी बेहतर रहती है। बचपन में बनाई गई ये आदतें भविष्य में उनके दिल को हेल्दी रखने में बड़ी भूमिका निभाती हैं।
स्क्रीन टाइम सीमित करें :
ज्यादा मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर का इस्तेमाल करने से बच्चों की लाइफस्टाइल और शरीर दोनों पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए 5 से 17 साल तक की उम्र में 2 घंटे से ज्यादा का स्क्रीन टाइम बच्चों के लिए हानिकारक होता है, जो मोटापा का कारण बनता है और दिल की बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है।
पर्याप्त नींद लें :
नींद बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए, उम्र के हिसाब से बच्चों को पर्याप्त मात्रा में सोना जरूरी है। अच्छी नींद बच्चों के हार्मोन को संतुलित रखने, वजन कंट्रोल करने और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद करते हैं, जिससे दिल पर कम दबाव पड़ता है। इसके साथ ही, बच्चों के सोने और उठने का समय तय रखें, नियमित समय पर सोने और उठने से उनकी नींद पूरी करने और दिल के स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद मिलती है।
नियमित स्वास्थ्य जांच :
भले ही आपका बच्चा बिल्कुल स्वस्थ दिखाई देता हो, फिर भी साल में कम से कम एक बार उसका हेल्थ चेकअप करवाना जरूरी है। चेकअप के दौरान डॉक्टर दिल की धड़कन, वजन, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल जैसे कई महत्वपूर्ण पैरामीटर जांचते हैं। अगर परिवार में पहले से किसी को हार्ट से जुड़ी समस्या रही है, तो बच्चों की नियमित जांच और भी जरूरी हो जाती है। इससे किसी भी बीमारी के शुरुआती लक्षण समय रहते पकड़े जा सकते हैं और सही इलाज तुरंत मिल सकता है।






