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21 जून को लगने वाला है अबकी बार बेहद ही अनोखा सूर्यग्रहण, दिख सकते है दिन में तारे

Surya Grahan 21 June 2020 : बता दे कि इस साल इक्कीस जून के दिन जो सूर्य ग्रहण लगने वाला है, उसे लेकर कई तरह की बातें चल रहीं है। जी हां जहाँ एक तरफ वैज्ञानिक इस बात का दावा कर रहे है कि इस सूर्य ग्रहण और कोरोना संक्रमण के बीच कोई कनेक्शन हो सकता है, वही दूसरी तरफ यह सूर्य ग्रहण कई वैज्ञानिक रहस्यों से भी ढका हुआ है। यही वजह है कि इस साल 21 जून का सूर्य ग्रहण काफी खास होगा।

21 जून का सूर्य ग्रहण

Surya Grahan 21 June 2020

विश्व भर में चर्चा हो रही इस सूर्य ग्रहण की :

इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि ज्यादा समय मिलने से सूर्य ग्रहण के प्रभावों का अध्ययन करने में भी मदद मिलेगी। ऐसे में इस सूर्य ग्रहण को मील का पत्थर समझा जा रहा है। इसके इलावा बीएचयू के भौतिक विज्ञान विभाग के स्पेस फिजिक्स और एस्ट्रोनॉमी के प्रोफेसर अभय कुमार सिंह ने सूर्य ग्रहण को लेकर काफी खास जानकारी दी है। बहरहाल उनका कहना है कि इस बार सूर्य ग्रहण की अवधि काफी ज्यादा होगी। जी हां इस बार सूर्य ग्रहण की अवधि करीब छह घंटे की होगी और इसलिए विश्व भर में इसकी काफी चर्चा भी हो रही है।

इतने बजे शुरू होगा सूर्य ग्रहण :

बता दे कि सूर्य ग्रहण सुबह नौ बज कर पंद्रह मिनट पर शुरू होगा और करीब बारह बज कर दस मिनट पर इसमें रिंग ऑफ फायर दिखने लगेगी। इसके इलावा तीन बज कर चार मिनट पर यह सूर्य ग्रहण खत्म हो जाएगा। यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो इसका कुल समय छह घंटे का होगा। गौरतलब है कि बीएचयू का फिजिक्स विभाग इसका टेलिस्कॉप अध्ययन भी करेगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि सूर्य ग्रहण तीन तरह का होता है, जिसमें पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है। इसमें सूर्य के ऊपर चन्द्रमा की छाया पड़ती है और पूरा अँधेरा छा जाता है।

21 जून का सूर्य ग्रहण

इस सूर्य ग्रहण के मनुष्य पर पड़ सकते है ये बुरे प्रभाव :

वही दूसरा सूर्य ग्रहण पार्शियल होता है, जिसमें आधा सूर्य ग्रहण ही दिखाई देगा और तीसरा सूर्य ग्रहण अनुलर टाइप का होता है, जिसमें बनने वाली छाया काफी छोटी होती है। जो सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता और इसमें सूर्य के चारों तरफ किनारों पर एक रिंग सी बन जाती है, जिसे रिंग ऑफ़ फायर कहते है। वैसे उन्होंने ये भी बताया है कि जब सूर्य, चन्द्रमा और पृथ्वी एक ही सीध में आ जाते है, तो इससे मैग्नेटिक प्रभाव पड़ता है और ऐसे में पृथ्वी तथा चन्द्रमा से ज्वार भाटा उठने लगते है। जिसके कारण चुंबकीय तरंगे पैदा होने लगती है और इन तरंगों की वजह से कुछ लोगों में मानसिक बेचैनी भी पैदा हो सकती है।

खुली आँखों से न देखे सूर्य ग्रहण : Surya Grahan 21 June 2020

इसके इलावा इंसान को सुस्ती भी हो सकती है और इस सूर्य ग्रहण का सबसे बुरा प्रभाव आँखों पर पड़ सकता है। जी हां अगर आप इस सूर्य ग्रहण को खुली आँखों, किसी सामान्य चश्मे या किसी एक्स रे फिल्म की मदद से देखेंगे तो आपकी आँखों को बहुत नुक्सान हो सकता है। इसलिए अगर सूर्य ग्रहण को देखना हो तो सोलर फिल्टर की मदद से ही देखे। इसके साथ ही प्रोफेसर एके सिंह का कहना है कि जहाँ तक भौतिक विज्ञान की बात है तो आयन मंडल के अध्ययन के लिए यह समय सबसे अच्छा माना जाता है क्यूकि इसी समय के दौरान आयन मंडल की बनावट और संरचना के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है।

21 जून का सूर्य ग्रहण

सूर्य ग्रहण पर आयन मंडल का अध्ययन करना होगा आसान :

बता दे कि सूर्य की किरणें जब बंद हो जाती है तो आयन मंडल का अध्ययन करना काफी आसान होता है। फ़िलहाल तो 21 जून का सूर्य ग्रहण न केवल कोरोना संक्रमण से मुक्ति पाने के लिए बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी काफी खास माना जा रहा है।

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