
एक ऐसी भारतीय बैडमिंटन खिलाडी जिसने देश ही नहीं विदेश में भी कमाया नाम, जानिए साइना नेहवाल के जीवन की कहानी
भारतीय बैडमिंटन का इतिहास काफी सुनहरा रहा है। इस खेल ने देश को कई नायाब हीरे दिए। लेकिन 2012 में भारत को एक बेटी के रूप में वो बैडमिंटन खिलाड़ी मिली। जिसनें इस खेल के प्रति भारतीय महिलाओं को नजरिया ही बदल कर रख दिया। जी हां, हम बात कर रहें है भारतीय बैडमिंटन के इतिहास की सबसे सफल शटलर साइना नेहवाल की। हरियाणा के हिसार में एक जाट परिवार में जन्मी साइना नेहवाल के पिता हरवीर सिंह हरियाणा की एक एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में काम करते थे। बचपन से ही साइना के पिता ने साइना को बैडमिंटन के प्रति प्रोत्साहित किया। बैडमिंटन में अगर साइना ने भारत को एक अलग मुकाम दिया तो उसमें साइना के परिवार का काफी अहम योगदान रहा। साइना नेहवाल एक बेहतरीन बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 2015 में विश्व नंबर 1 रैंकिंग हासिल की। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह प्रकाश पादुकोण के बाद दूसरे स्थान पर हैं और भारत की एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं। वह ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी भी हैं। एक दशक से अधिक के अपने करियर में, नेहवाल ने पद्म भूषण सहित कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिताब जीते हैं।
साइना नेहवाल का जीवन परिचय Saina Nehwal Biography In Hindi
प्रारंभिक जीवन :
पूरा नाम : साइना नेहवाल।
जन्म : 17 मार्च 1990, हिसार, हरियाणा।
परिवार : पिता डॉ. हरवीर सिंह नेहवाल (कृषि विश्वविद्यालय में कार्यरत) और माता उषा नेहवाल (राज्य स्तरीय बैडमिंटन खिलाड़ी)।
शिक्षा : प्रारंभिक स्कूल हिसार में, बाद में परिजन हैदराबाद स्थानांतरित; हैदराबाद में St. Anne’s College से शिक्षा ग्रहण।
प्रारंभिक कोचिंग : 8 वर्ष की उम्र में प्रशिक्षक नानी प्रसाद और बाद में Pullela Gopichand एवं अन्य कोचों के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण।
करियर की शुरुआत और राष्ट्रीय सफलता :
अंतरराष्ट्रीय पदार्पण : 2005 में एशियन सैटेलाइट टूर्नामेंट में पदार्पण।
जूनियर चैम्पियनशिप : 2006 में अंडर-19 राष्ट्रीय चैम्पियन; वही वर्ष में एशियन सैटेलाइट टूर्नामेंट में पहली बार खिताब जीता।
अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियाँ :
2008 बीजिंग ओलंपिक : क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला।
2008 विश्व जूनियर चैम्पियनशिप : पुणे में गोल्ड; भारत की पहली महिला विजेता।
2009 इंडोनेशिया ओपन : BWF सुपर सीरीज में भारत की पहली महिला विजेता।
2010 राष्ट्रमंडल खेल : नई दिल्ली में स्वर्ण पदक और टीम सिल्वर।
2012 लंदन ओलंपिक : बैडमिंटन में भारत का पहला ओलंपिक मेडल (ब्रॉन्ज)।
2014 चीन ओपन सुपर सीरीज : गोल्ड मेडल; महत्वपूर्ण सुपर सीरीज विजेता।
2015 वर्ल्ड चैम्पियनशिप : रजत पदक; फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला।
विश्व रैंकिंग और शीर्ष सम्मान :
विश्व रैंकिंग : 1: 2 अप्रैल 2015; भारत की पहली महिला विश्व नंबर 1 महिला खिलाड़ी।
अंतरराष्ट्रीय खिताब : कुल 24 अंतरराष्ट्रीय खिताब (10 सुपर सीरीज सहित)।
सम्मान और पुरस्कार :
अर्जुन पुरस्कार : 2009 में प्राप्त।
राजीव गांधी खेल रत्न : 2009
पद्म श्री : 2010
पद्म भूषण : 2016
व्यक्तिगत जीवन :
वैवाहिक स्थिति : 14 दिसंबर 2018 को बैडमिंटन खिलाड़ी पारुपल्ली कश्यप के साथ कोर्ट मैरिज की
रुचियाँ : आलू पराठा, माँ की बनाई चाय पसंद, कराटे में ब्राउन बेल्ट धारक
बायोपिक फिल्म :
“Saina” (2021) : अमोले गुप्ते निर्देशित, परिणीति चोपड़ा ने भूमिका निभाई।
साइना नेहवाल ने 24 अंतरराष्ट्रीय खिताब अपने नाम किए हैं। साल 2008 में साइना ने विश्व जूनियर बैडमिंटन, 2009 में इंडोनेशियाई ओपन , 2010 में कॉमनवेल्थ गेम में गोल्ड मेडल जीतकर रूढ़ियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। साल 2012 के लंदन ओलंपिक में साइना ने अपनी जगह बनाई। 2018 में साइना ने एशियन गेम्स में देश को 36 साल बाद ब्रोंज मेडल भी दिलाया। साइना को अर्जुन अवार्ड, ध्यानचंद खेल रत्न और पद्म भूषण जैसे पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।