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शायरी और गजलों के बेताज बादशाह थे राहत इंदौरी, जानिए उनकी संग्रह की कहानी और उनके जीवन से जुड़ी हुई कुछ दिलचस्प बातें

Rahat Indori Biography In Hindi : ये तो सब जानते है कि राहत इंदौरी एक प्रसिद्ध भारतीय उर्दू शायर और हिंदी सिनेमा के बड़े गीतकार थे। मगर राहत इंदौरी का जीवन कैसा था और उन्होंने कैसी मुश्किलों का सामना करके इतना बड़ा मुकाम हासिल किया था, इस बारे में काफी कम लोग ही जानते होंगे। ऐसे में आज हम आपको न केवल राहत इंदौरी का जीवन परिचय बल्कि उनके जीवन से जुड़ी कई खास बातों से भी रूबरू करवाना चाहते है।

Rahat Indori Biography In Hindi 

राहत इंदौरी का जीवन परिचय : Rahat Indori Biography In Hindi

 

गौरतलब है कि राहत इंदौरी का पूरा नाम राहत कुरैशी है और उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर मध्यप्रदेश भारत में हुआ था। जी हां उनके पिता का नाम रफतुल्लाह कुरैशी और माता का नाम मकबूल उल निशा बेगम था। जब कि उनकी पत्नी का नाम सीमा राहत और अंजुम रहबर था। बहरहाल राहत साहब के बच्चों का नाम शिबली, फैसल और सतलज है और अगर हम राहत इंदौरी के निधन की बात करे तो उन्होंने 11 अगस्त 2020 को इस दुनिया को अलविदा कहा था।

बता दे कि राहत इंदौरी जी ने अपनी स्नातक की पढ़ाई इस्लामिया करीमिया कॉलेज में इंदौर से 1973 में पूरी की थी और इसके बाद 1975 में बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय भोपाल से उन्होंने उर्दू साहित्य में एमए किया था। यहां तक कि 1985 में उन्होंने मध्यप्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री भी हासिल की थी। जी हां वह देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में उर्दू साहित्य के प्राध्यापक भी रहे थे।

राहत इंदौरी के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें :

अगर हम राहत इंदौरी जी की प्रारंभिक जीवन की बात करे तो उनका जन्म एक कपड़ा मिल कर्मचारी रफ्तुल्लाह कुरैशी और मकबूल उल निशा बेगम के घर हुआ था तथा वह अपने माता पिता की चौथी संतान थे। जी हां इनकी दो बड़ी बहनें तहजीब और तकरीब थी और इनके बड़े भाई का नाम अकील तथा छोटे भाई का नाम आदिल था। बहरहाल इनके परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं थी, जिसके कारण इन्हें कई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा था।

बता दे कि राहत जी बहुत अच्छे चित्रकार भी थे और दस साल की उम्र में ही उन्होंने चित्रकारी करना शुरू कर दिया था। ऐसे में वह जल्दी ही एक बेहतरीन चित्रकार बन गए थे और एक समय ऐसा भी आया जब ग्राहकों को इनके द्वारा चित्रित बोर्डों को पाने के लिए कई महीनों तक इंतजार करना पड़ता था। यहां गौर करने वाली बात ये है कि राहत इंदौरी जी को थीसिस उर्दू मुख्य मुशायरा के लिए भी सम्मानित किया गया था।

19 साल की उम्र में ही करने लगे थे शायरी :

आपको जान कर हैरानी होगी कि राहत जी ने महज उन्नीस साल की उम्र में शायरी करना शुरू कर दिया था और इनके छात्रों का इनके बारे में कहना था कि वह बहुत अच्छे व्याख्याता थे तथा ऐसे में वह धीरे धीरे देश विदेश में भी प्रचलित होने लगे थे। जी हां उन्हें विदेशों से भी मुशायरा पढ़ने के लिए निमंत्रण मिलने लगे थे और उनके अंदर शब्दों से खेलने की एक खास कला शुरू से ही थी। जो उन्हें बाकी सबसे अलग बनाती थी और फिर वह धीरे धीरे लोगों के बीच प्रसिद्ध होने लगे थे।

बता दे कि राहत इंदौरी जी को शायरी का बादशाह कहा जाता था और वह जहां भी जाते थे महफिल लूट लेते थे। इसके इलावा राहत साहब मुशायरा पढ़ते समय आसमान की तरफ देखा करते थे, जैसे कि वो सीधा खुदा से बात कर रहे हो। जी हां उनकी हर शायरी के पीछे दर्द और कहानी होती थी तथा वह बड़े दिलकश अंदाज में अपने दर्द को बयां करते थे। बता दे कि राहत इंदौरी जी ने कई प्रसिद्ध किताबें भी लिखी थी।

राहत साहब की प्रसिद्ध किताबें :

  • रुत
  • दो कदर और सही
  • धूप बहुत है
  • मेरे बाद
  • नाराज
  • मौजूद
  • चांद पागल है।

राहत इंदौरी जी के प्रसिद्ध फिल्मी गीत :

  • फिल्म मीनाक्षी : ये रिश्ता क्या कहलाता है।
  • फिल्म करीब : चोरी चोरी जब नजरें मिली।।
  • फिल्म इश्क : देखो देखो जानम हम दिल, नींद चुरायी मेरी
  • फिल्म बेगम जान : मुर्शिदा।
  • फिल्म मिशन कश्मीर : धुआं धुआं।
  • फिल्म सर : आज हमने दिल का हर किस्सा।
  • फिल्म खुद्दार : तुमसा कोई प्यारा कोई मासूम नहीं है, खत लिखना हमें खत लिखना, रात क्या मांगे एक सितारा।
  • फिल्म मर्डर : दिल को हजार बार रोका।
  • फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस : एम बोले तो मास्टर।

राहत इंदौरी जी की प्रसिद्ध गजल : 

अगर खिलाफ है होने दो जान थोड़ी है।

ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है।

लगेगी आग तो आएंगे घर कई जद में।

यहां पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।

मैं जानता हूं कि दुश्मन भी कम नहीं लेकिन।

हमारी तरह हथेली पे जान थोड़ी है।

हमारे मुंह से जो निकले वही सदाकत है।

हमारे मुंह में तुम्हारी जुबान थोड़ी है।

जो आज साहिबे मसनद है कल नहीं होंगे।

किरायेदार है जाती मकान थोड़ी है।

सभी का खून है शामिल यहां की मिट्टी में।

किसी के बाप का हिंदुस्तान थोड़ी है।

ऐसे हुआ था राहत इंदौरी का निधन :

गौरतलब है कि राहत इंदौरी का निधन 11 अगस्त 2020 को मध्यप्रदेश के इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से हुआ था और इनका कोरोना टेस्ट भी पॉजिटिव आया था। दोस्तों राहत इंदौरी का जीवन परिचय आपको कैसा लगा इस बारे में हमें अपनी राय जरूर दीजियेगा। वैसे भी राहत जी ने कहा था कि अगर मैं मर जाऊं तो मेरी अलग पहचान लिख देना और लहू से मेरी पेशानी पे हिंदुस्तान लिख देना

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