जीवन परिचय

स्वर कोकिला और गायकी की दुनिया की ऐसी हस्ती जिसे युगों तक याद रखा जायेगा, जानिए लता मंगेशकर जी का जीवन परिचय

लता मंगेशकर का जीवन परिचय : लता मंगेशकर सुरों की मल्लिका, भारत देश के महान गायकों में से एक हैं। लता मंगेशकर जी देश-विदेश सभी जगह अपनी आवाज के लिए जानी जाती है। लता जी का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। इन्होंने सबसे ज्यादा गाना गाकर एक रिकॉर्ड दर्ज किया है। लता मंगेशकर जी ने 20 अलग-अलग भाषाओं में 30,000 से अधिक गाने गाए हैं। अब तक तो यह 40000 के आंकड़े भी पार कर चुका होगा। अमेरिका के एक्सपर्ट और वैज्ञानिक का कहना है कि लता मंगेशकर जैसी आवाज ना कभी किसी गायक की सुनी गई है और ना ही भविष्य में कभी सुनी जाएगी। लता जी को उनके मधुर आवाज के लिए शुरों की देवी कहा जाता है और सभी नए एवं पुराने गायक उनके सम्मान में अपना सिर झुकाते हैं।

लता मंगेशकर का जीवन परिचय Lata Mangeshkar Biography In Hindi

सुरों की मल्लिका लता

लता मंगेशकर का प्रारंभिक जीवन :

लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर था जो कि एक कुशल एवं योग्य रंगमंचीय गायक थे। दीनानाथ जी ने अपनी बेटी लता जी को तब से संगीत सिखाना शुरू किया, जब वे 5 वर्ष की थी। उनके साथ – साथ उनकी बहनें आशा, ऊषा और मीना भी संगीत सीखा करतीं थीं।

शुरुआती पढ़ाई : 

लता ‘अमान अली ख़ान साहिब’ और बाद में ‘अमानत ख़ान’ के साथ भी पढ़ीं है। लता मंगेशकर जी को हमेशा से ही से संगीत में रूची था और वह ईश्वर के द्वारा नवाजे गए संगीत का उन्होंने हमेंशा ही कद्र करती थी, आपको बता दें की संगीत करियर समाप्त होने के बाद भी वो सुबह शाम रियाज करती थी। सुरूवाती दौर में भी उन्हें जो कुछ भी सिखाया जाता था वह जल्द ही सिख जाती थी। इन्हीं विशेषताओं के कारण उनकी इस प्रतिभा को बहुत जल्द ही पहचान मिल गई थी। लेकिनलता जी को पाँच वर्ष की छोटी सी आयु में सबसे पहले एक नाटक में अभिनय करने का अवसर मिला। शुरुआत अवश्य अभिनय से हुई थी लेकिन लता जी की रूची तो संगीत में ही थी।

जब साल 1942 में इनके पिता की मौत हो गई। तब लता मंगेशकर केवल 13 साल की थीं। पिता के मृत्यु के बाद इनको और इनके परिवार को नवयुग चित्रपट फिल्म कंपनी के मालिक और इनके पिता के दोस्त मास्टर विनायक ने संभाला और लता मंगेशकर को एक कुशल सिंगर और अभिनेत्री बनाने में मदद की।

गायकी में करियर : 

सफलता की राह कभी भी आसान नहीं होती है ये बात तो आप और हम सबको पता है। लता जी को भी संगीत की दुनिया में अपने लिए जगह बनाने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पडा़ था, उनके पास अच्छी आवाज होते हुए भी उन्हें कठिनाईयों को सामना करना पड़ा था। आपको बता दें की सुरुवात में कई संगीतकारों ने तो इनकी पतली आवाज़ के कारण इन्हें काम देने से साफ़ मना कर दिया था।उस समय की प्रसिद्ध पार्श्व गायिका नूरजहाँ के साथ लता जी की तुलना की जाती थी। लेकिन धीरे-धीरे अपनी लगन और प्रतिभा के बल पर आपको काम मिलने लगा।  लता जी की अद्भुत कामयाबी ने लता जी को फ़िल्मी जगत की सबसे मज़बूत महिला गायक बना दिया था।

लता जी को सर्वाधिक गीत रिकार्ड करने का भी गौरव प्राप्त है। फ़िल्मी गीतों के अतिरिक्त आपने ग़ैरफ़िल्मी गीत भी बहुत खूबी के साथ गाए हैं, आपके आवाज में यह झलकता है कि आप अपने संगीत को कितना पूजती थी। लता जी की प्रतिभा को पहचान सबसे पहले मिली सन् 1947 में, जब फ़िल्म “आपकी सेवा में” उन्हें एक गीत गाने का मौक़ा मिला। इस गीत के बाद तो लता जी को हर संगीतकार अपने संगीत के लिए लता जी को ही कास्ट करना चहते थे, यही से ही आपको आपके करियर की पहली कामयाबी मिल गई, और एक के बाद एक बॉलीवुड के अलावा कई गीत गाने का मौक़ा मिला।

भारत के आजादी के बाद आपने ऐ मेरे वतन के लोगों गीत गाया था जिसे आज भी लोग सुनकर उनकी आंखों में आंसु भर आते हैं। आपने अपने साथ- साथ अपने बहनों का भी करियर संगीत की दुनिया में सवारा है। वो भी आपकी तरह ही अच्छी गायिका है।

लता मंगेशकर को सम्मानित की गई पुरस्कारों के नाम :

लता मंगेशकर को अनेक प्रतिष्ठ नागरिक सम्मानों और संगीत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। लता जी को मिले प्रमुख पुरस्कार एवं अलंकरणों की सूची इस प्रकार है।
1969 पद्म भूषण।
1989 दादा साहब फाल्के पुरस्कार।
1996 राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार।
1999 पद्म विभूषण 2001 भारत रत्न।

गायक के अलावा संगीत निर्देशक में काम

कम ही लोग जानते हैं कि लता मंगेशकर ने कुछ फिल्मों में संगीत भी दिया, ये फिल्में थीं- 1950 रामराम पाव्हणं 1962 मोहित्यांची मंजुला 1964 मराठा तितुका मेलवावा 1965 साधी माणसं 1969 तांबड़ी माती ‘रामराम पाव्हणं’ को छोड़कर अन्य सभी फिल्मों में उन्होंने आनंदधन के नाम से संगीत निर्देशन किया।

 फिल्म निर्माता भी थी लता मंगेशकर

उनकी बनाई फिल्मों की सूची इस प्रकार है- 1953 बादल 1953 झांझर 1955 कंचन 1990 लेकिन इनमें बादल फिल्म मराठी में थी, शेष सभी फिल्में हिन्दी भाषा में हैं। लता मंगेशकर की बनाई ‘लेकिन’ फिल्म रवीन्द्रनाथ टैगोर की कहानी पर आधारित है और इसे खूब पसंद किया गया।

अविवाहित रही लता मंगेशकर

लता मंगेशकर ने शादी क्यों नहीं की लता मंगेशकर जिनकी आवाज की सारी दुनिया कायल है, उन्होंने शादी क्यों नहीं की। इस बारे में स्वयं लता जी ने कई जगह साक्षात्कार में कहा है कि पिताजी के गुजर जाने के बाद सबसे बड़ी बेटी होने के कारण घर-परिवार चलाने की जिम्मेदारी मुझ पर आ गई। छोटे भाई-बहनों के जीवन के बारे में सोचने में इतनी व्यस्त रहीं कि खुद की शादी के बारे में फैसला करने का समय ही नहीं मिला।

लता जी के प्रसिद्ध गीत : 

लता जी ने दो आंखें बारह हाथ, दो बीघा जमीन, मदर इंडिया, मुग़ल ए आज़म, आदि महान फ़िल्मों में गाने गाये हैं। “महल”, “बरसात”, “एक थी लड़की”, “बडी बहन” आदि फिल्मों में अपनी आवाज़ के जादू से इन फिल्मों की लोकप्रियता में चार चांद लगाए। इस दौरान आपके कुछ प्रसिद्ध गीत थे : “ओ सजना बरखा बहार आई” (परख-1960), “आजा रे परदेसी” (मधुमती-1958), “इतना ना मुझसे तू प्यार बढा” (छाया- 1961), “अल्ला तेरो नाम”, (हम दोनो-1961), “एहसान तेरा होगा मुझ पर”, (जंगली-1961), “ये समां” (जब जब फूल खिले-1965) इनके अलावा लता जी ने संगीत की दुनिया को कुल 36000 गाने दिए हैं ।

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