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हर नालायक औलाद के लिए है ये संदेश, कहते हुए 80 साल के बुजुर्ग ने करोड़ों की जमीन यूपी गवर्नर के नाम कर दी

बता दे कि ये मामला मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना तहसील में रहने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति का है, जिसने अपनी नालायक औलाद को सबक सिखाने के लिए एक कड़ा कदम उठाया और अपनी करोड़ों की जमीन गवर्नर के नाम कर दी। जी हां मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना के तहसील गांव बिराल में रहने वाले एक अस्सी साल के बुजुर्ग नत्थू सिंह ने बिना किसी की परवाह करते हुए इतना बड़ा कदम उठा लिया। दरअसल नत्थू सिंह की पत्नी की मौत बीस साल पहले ही एक बीमारी की वजह से हो गई थी और ऐसे में वह अपने परिवार के साथ रहते थे।

नालायक औलाद को सबक सिखाने के लिए बुजुर्ग ने उठाया ये बड़ा कदम :

यहां गौर करने वाली बात ये है कि उनका भरा पूरा परिवार है, जिनमें से वह अपने दो बेटों और चार बेटियों की शादी करवा चुके है। जब कि उनके एक बेटे की मृत्यु हो गई थी और दूसरा बेटा सहारनपुर में सरकारी शिक्षक है। गौरतलब है कि नत्थू पिछले पांच महीने से वृद्धाश्रम में रह रहे है और वो भी इस वजह से क्योंकि उन्हें अपने ही घर में रोटी भी नसीब नहीं होती थी। जी हां अपने बेटे और बहू के व्यवहार से आहत हो कर वह वृद्धाश्रम में रहने के लिए मजबूर हो गए, क्योंकि अपने घर में उन्हें खुद अपने हाथों से रोटी बनानी पड़ती थी।

यही वजह है कि उन्होंने अपनी करोड़ों रुपए की लगभग अठारह बीघा जमीन प्रदेश के राज्यपाल के नाम कर दी। इसका मतलब ये है कि वह अपने बेटे को अपनी संपत्ति से बेदखल कर चुके है। इस बारे में नत्थू सिंह का कहना है कि वह अदालत में भी ये बात कह चुके है कि भले ही उन्हें गोली मार दी जाएं, लेकिन फिर भी वह जमीन का एक हिस्सा भी किसी को नहीं देंगे। इसके बाद नत्थू सिंह ने कहा कि उन्होंने अपनी नालायक औलाद को बेदखल करके अपनी सारी जमीन राज्यपाल के नाम कर दी है और ये करके उन्होंने समाज के सामने एक मिसाल कायम की है।

करोड़ों की जमीन कर दी प्रदेश की गवर्नर के नाम :

जी हां उन्होंने कहा कि अपनी संपत्ति से अपने बेटे को बेदखल करके उन्होंने एक आदर्श प्रस्तुत किया है, ताकि दूसरे लोगों की नालायक औलाद भी ये समझ जाएं कि माता पिता की इज्जत करना कितना जरूरी है। ऐसे में हर औलाद को इससे प्रेरणा लेना चाहिए, ताकि कल को उनके साथ ऐसा कुछ न हो। वही अपने बेटे और बहू के व्यवहार को लेकर नत्थू सिंह का कहना है कि उन्हें कई बार मारने की कोशिश भी की गई। यहां तक कि उन्हें कमरे में बंद करके उनका गला दबाने की कोशिश भी की गई थी। मगर वह किसी तरह बच गए।

हालांकि वह अपनी बहू को बेटी की तरह मानते थे, लेकिन उनकी बहू ने भी उनके साथ बहुत गलत व्यवहार किया। इसलिए 80 साल के बुजुर्ग नत्थू सिंह अपनी नालायक औलाद को सबक सिखाने के लिए ये कड़ा कदम उठाना ही पड़ा। जी हां नत्थू सिंह का कहना है कि जो औलाद अपने पिता को खाना तक नहीं दे सकती, उनके लिए मेरे मन में भी कोई जगह नहीं है। इसलिए मैं अपनी करोड़ों की जमीन गवर्नर के नाम करता हूं। दोस्तों इस पूरे मामले को लेकर आपकी क्या राय है, ये हमें जरूर बताइएगा।

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